नई दिल्ली: फ्रांस दूतावास की ओर से वीजा धोखाधड़ी की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में आरोपी दो दंपति हैं. फ्रांसीसी वीजा सेवा द्वारा कथित पासपोर्ट धोखाधड़ी की शिकायत पर सीबीआई ने पासपोर्ट अधिनियम के तहत दो जोड़ों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामले में दर्ज एक प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली और जालंधर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों की ओर से पासपोर्ट जारी करने में कथित धांधली की गई.
जानकारी में आगे बताया गया कि पंजाब के जालंधर निवासी सिमल सिंह और उनकी पत्नी मंजीत कौर ने वर्ष 2020 में आरपीओ, जालंधर से अपने नाबालिग बेटे के नाम से पासपोर्ट प्राप्त किया था जो नवंबर 2023 तक वैध था. यह भी पता चला है कि सिमल सिंह और मंजीत ने अपने बेटे के लिए दूसरा पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए साजिश रची थी.
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साजिश को अंजाम देने के लिए उन्होंने 28 जनवरी 2010 को कथित तौर पर नगर निगम फरीदाबाद द्वारा जारी एक फर्जी/जाली जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया. इस जालसाजी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए नई दिल्ली में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में 13 जनवरी 2022 को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें फर्जी हस्ताक्षर किए. आवेदन के समर्थन में फर्जी हलफनामा भी दिया गया. दूतावास अधिकारियों को शक होने पर इसकी छानबीन की जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'फ्रांस के दूतावास ने धोखाधड़ी का पता लगाने और एजेंसी को सूचित करने के बाद, दो जोड़ों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी, जालसाजी आपराधिक साजिश और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है,
(एएनआई)