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CBI ने कोलकाता की एक कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया

सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोलकाता की एक निजी कंपनी और इसके प्रवर्तकों/निदेशकों सहित अन्य, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ 4037.87 करोड़ (लगभग) रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में 20 बैंकों की कंसोर्टियम की शिकायत पर मामला दर्ज किया है.

Corporate Power Limited
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Dec 23, 2022, 2:02 PM IST

कोलकाता: कोलकाता की एक कंपनी कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के प्रमोटर/निदेशक सहित सरकारी अधिकारियों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 20 बैंकों से 4037.87 करोड़ का फ्रॉड करने के आरोप में सीबीआई ने केस दर्ज किया है. कोलकाता की एक प्राइवेट कंपनी कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड पर लगभग 4037.87 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप लगा है. सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोलकाता की एक निजी कंपनी और इसके प्रवर्तकों/निदेशकों सहित अन्य, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में एक शिकायत पर मामला दर्ज किया है.

आरोप है कि 20 बैंकों के कंसोर्टियम से 4037.87 करोड़ की हेराफेरी की गई है. सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी के आरोप में कोलकाता स्थित निजी कंपनी और इसके प्रवर्तकों/निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन पर लगभग 4037.87 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया है.

पढ़ें: समय से पहले ही स्थगित हो गई लोकसभा, स्पीकर बोले- सहमति से हुआ फैसला

कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के सभी प्रमोटर/निदेशक पर केस दर्ज : मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीबीआई ने मैसर्स कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड, मनोज जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, राजीव कुमार, विशाल जायसवाल, मुन्ना कुमार जायसवाल, पी.एन. कृष्णन, राजीव गोयल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, एस.एन. गायकवाड़, प्रेम प्रकाश शर्मा, अरुण गुप्ता सहित मैसर्स कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के सभी प्रमोटर/निदेशक) और अज्ञात लोक सेवक एवं अज्ञात निजी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

बैंकों से 4037.87 करोड़ का फ्रॉड का आरोप: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर कोलकाता स्थित निजी कंपनी और इसके प्रमोटरों/निदेशकों, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है. 20 बैंकों के संघ को 4037.87 करोड़ का चूना लगाया गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लीड बैंक ने 30.09.2013 को खाते को एनपीए के रूप में घोषित किया और बाद में अन्य सदस्य कंसोर्टियम बैंकों ने भी उक्त खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया. उक्त कर्जदार कंपनी के खातों को दिनांक 25.10.2019 को फ्रॉड घोषित किया गया है.

पढ़ें: कोरोना: सरकार ने दी नैजल वैक्सीन को मंजूरी, सबसे पहले प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी

कोलकाता: कोलकाता की एक कंपनी कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के प्रमोटर/निदेशक सहित सरकारी अधिकारियों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 20 बैंकों से 4037.87 करोड़ का फ्रॉड करने के आरोप में सीबीआई ने केस दर्ज किया है. कोलकाता की एक प्राइवेट कंपनी कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड पर लगभग 4037.87 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप लगा है. सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोलकाता की एक निजी कंपनी और इसके प्रवर्तकों/निदेशकों सहित अन्य, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में एक शिकायत पर मामला दर्ज किया है.

आरोप है कि 20 बैंकों के कंसोर्टियम से 4037.87 करोड़ की हेराफेरी की गई है. सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी के आरोप में कोलकाता स्थित निजी कंपनी और इसके प्रवर्तकों/निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन पर लगभग 4037.87 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया है.

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कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के सभी प्रमोटर/निदेशक पर केस दर्ज : मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीबीआई ने मैसर्स कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड, मनोज जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, राजीव कुमार, विशाल जायसवाल, मुन्ना कुमार जायसवाल, पी.एन. कृष्णन, राजीव गोयल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, एस.एन. गायकवाड़, प्रेम प्रकाश शर्मा, अरुण गुप्ता सहित मैसर्स कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड के सभी प्रमोटर/निदेशक) और अज्ञात लोक सेवक एवं अज्ञात निजी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

बैंकों से 4037.87 करोड़ का फ्रॉड का आरोप: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर कोलकाता स्थित निजी कंपनी और इसके प्रमोटरों/निदेशकों, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है. 20 बैंकों के संघ को 4037.87 करोड़ का चूना लगाया गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लीड बैंक ने 30.09.2013 को खाते को एनपीए के रूप में घोषित किया और बाद में अन्य सदस्य कंसोर्टियम बैंकों ने भी उक्त खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया. उक्त कर्जदार कंपनी के खातों को दिनांक 25.10.2019 को फ्रॉड घोषित किया गया है.

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