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हमीरपुर से 22 युवाओं ने फर्जी निवास प्रमाण बनवाकर सेना में पाई नौकरी, CBI जांच करने पहुंची - सेना भर्ती रैली मामले में सीबीआई

कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती रैली मामले में सीबीआई की टीम हमीरपुर पहुंची है. बता दें कि, जिले के 22 युवाओं ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी.

CBI जांच करने पहुंची हमीरपुर.
CBI जांच करने पहुंची हमीरपुर.
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Published : Dec 3, 2022, 4:14 PM IST

हमीरपुर: कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती रैली (army recruitment rally case) में हमीरपुर से फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिए सेना में भर्ती हुए 22 युवाओं के मामले की जांच के चलते सीबीआई की दो सदस्यीय टीम हमीरपुर पहुंची है. इसी कड़ी में शनिवार को मुख्यालय के मौदहा बांध डाक बंगले में टीम ने लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.

दरअसल, कानपुर छावनी में 3 अगस्त 2016 से 16 अगस्त 2016 के बीच औरैया, बाराबंकी, फतेहपुर, कन्नौज, बांदा, गोंडा और हमीरपुर के युवाओं के लिए सेना भर्ती की रैली हुई थी. यह भर्ती शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा और स्वास्थ्य परीक्षण के जरिए हुई. इसमें हमीरपुर के कई ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती कर लिया, जो अन्य जिलों के रहने वाले थे. आरोप है कि, इन सभी ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे खुद को हमीरपुर का बताया. हैरान कर देने वाली बता यह है कि आवेदकों के संबंधित गांव का न होने की लेखपालों की रिपोर्ट के बावजूद प्रमाणपत्र बना दिए गए. इतना ही नहीं नए के बजाय पुराने फार्मेट में प्रमाण पत्र जारी किए गए और 22 युवाओं की भर्ती हुई थी.

वहीं, सत्यापन के दौरान कई प्रमाण पत्र फर्जी जारी होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई थी. मार्च 2020 में भी सीबीआई टीम ने जिले में डेरा जमाकर संबंधितों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए थे, जिसके बाद अब मुख्यालय के मौदहा बांध डाक बंगले में टीम ने शुक्रवार की रात्रि चेयरमैन के साथ प्रधान लेखपाल से पूछताछ की और शनिवार को लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.

यह भी पढ़ें- पहले फांसी लगाई तो टूटी रस्सी, फिर कूदा ट्रेन के आगे, दो हिस्सों में कटा युवक

हमीरपुर: कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती रैली (army recruitment rally case) में हमीरपुर से फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिए सेना में भर्ती हुए 22 युवाओं के मामले की जांच के चलते सीबीआई की दो सदस्यीय टीम हमीरपुर पहुंची है. इसी कड़ी में शनिवार को मुख्यालय के मौदहा बांध डाक बंगले में टीम ने लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.

दरअसल, कानपुर छावनी में 3 अगस्त 2016 से 16 अगस्त 2016 के बीच औरैया, बाराबंकी, फतेहपुर, कन्नौज, बांदा, गोंडा और हमीरपुर के युवाओं के लिए सेना भर्ती की रैली हुई थी. यह भर्ती शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा और स्वास्थ्य परीक्षण के जरिए हुई. इसमें हमीरपुर के कई ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती कर लिया, जो अन्य जिलों के रहने वाले थे. आरोप है कि, इन सभी ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे खुद को हमीरपुर का बताया. हैरान कर देने वाली बता यह है कि आवेदकों के संबंधित गांव का न होने की लेखपालों की रिपोर्ट के बावजूद प्रमाणपत्र बना दिए गए. इतना ही नहीं नए के बजाय पुराने फार्मेट में प्रमाण पत्र जारी किए गए और 22 युवाओं की भर्ती हुई थी.

वहीं, सत्यापन के दौरान कई प्रमाण पत्र फर्जी जारी होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई थी. मार्च 2020 में भी सीबीआई टीम ने जिले में डेरा जमाकर संबंधितों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए थे, जिसके बाद अब मुख्यालय के मौदहा बांध डाक बंगले में टीम ने शुक्रवार की रात्रि चेयरमैन के साथ प्रधान लेखपाल से पूछताछ की और शनिवार को लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.

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