नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आईएएस अधिकारियों से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के चिनाब घाटी बिजली परियोजना मामले में छापेमारी की. इस संबंध में जम्मू, श्रीनगर, मुंबई, नोएडा, दिल्ली, त्रिवेंद्रम और दरभंगा (बिहार) में 14 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे निजी कंपनियों, पूर्व अध्यक्ष, एमडी और परियोजना के निदेशकों सहित आरोपियों के परिसरों में सबूतों की तलाश कर रहे हैं.
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का अनुबंध निजी कंपनी को देने और 2017-18 में 60 करोड़ रुपये जारी करने में कदाचार के आरोपों पर दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे. दूसरा मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों का 2,200 करोड़ रुपये का ठेका एक निजी फर्म को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिया गया था. इन दोनों मामलों को दर्ज करने के बाद संघीय जांच एजेंसी ने पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए कई टीमों का गठन किया था. टीमें अब तलाशी ले रही हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी (Senior IAS officer Navin Choudhary), प्रमुख सचिव कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के आवास पर छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक नवीन चौधरी बिहार के मूल निवासी हैं.
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आरोप: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विशेष रूप से आरोप लगाया है कि उन्हें दो फाइलों को क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. मलिक के आरोप के बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने आरोपों की जांच के लिए सीबीआई से संपर्क किया था. मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे राज्य के पूर्व राज्यपाल ने उठाया था.
कौन हैं IAS नवीन चौधरी : बता दें कि नवीन कुमार चौधरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जम्मू-कश्मीर कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. नवीन पहले ऐसे प्रशासनिक सेवा अधिकारी बने थे, जिन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर का निवासी होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी होने का प्रमाण पत्र मिला था. जम्मू-कश्मीर के बाहर से आकर रहने वाले लोगों के संदर्भ में बिहार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नवीन कुमार चौधरी प्रदेश के पहले स्थायी निवासी बने थे. वह पिछले 15 साल से अधिक समय से जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
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