गांधीनगर : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रिश्वत लेने के मामले में आरोपी, गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी के. राजेश के आवास और अन्य परिसरों की तलाशी. सीबीआई ने आईएएस अधिकारी को हिरासत में ले लिया है. एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सीबीआई ने एक बयान में कहा कि बृहस्पतिवार रात नौकरशाह के गांधीनगर स्थित आवास तथा सूरत में कुछ अन्य परिसरों पर छापे मारे गए. इसके अलावा राजेश के आंध्र प्रदेश स्थित घर की भी तलाशी ली गई.
बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी के बिचौलिए के तौर पर काम करने वाले और उनकी ओर से रिश्वत का पैसा लेने वाले मोहम्मद रफीक मेमन को सूरत से गिरफ्तार किया गया है. राजेश, 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं.
एजेंसी ने कहा कि सीबीआई को हाल में एक शिकायत मिली थी कि जब राजेश सुरेंद्रनगर के जिलाधिकारी थे, तब उन्होंने जमीन की खरीद में कथित तौर पर रिश्वत ली थी और अवैध तरीके से हथियार के लाइसेंस जारी किए थे. राजेश जब सुरेंद्रनगर के जिलाधिकारी थे, उस दौरान एक नेता के नाम पर दूसरे के अनुरोध पर हजारों एकड़ की संपत्ति बनाई गई. इस भूमि पर दलितों के द्वारा खेती की जाती थी और इसकी कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक थी.
बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व में पूरे सुरेंद्रनगर जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ था, इसके बाद ही आईएएस अधिकारियों को हटाया गया था. राजेश को तब सामान्य प्रशासन विभाग में पोस्टिंग की गई थी. सूत्रों के अनुसार जब तक मामला सुलझ नहीं जाता है तब तक राज्य सरकार आईएएस अधिकारी को अहम जिम्मेदारी नहीं सौंपेगी. गौरतलब है कि राजेश के खिलाफ पहले एसीबी में आवेदन दिया गया था, जिसकी जांच राज्य सरकार कर रही थी लेकिन अब इसकी जांच सीबीआई के द्वारा की जा रही है.
बताया जाता है कि केंद्र सरकार चुनाव लड़ने वाले आईएएस और आईपीएस की सूची चाहती है. इसी क्रम में सभी राज्य सरकारों को चुनाव लड़ने वाले आईएएस और आईपीएस कर्मियों की सूची केंद्र सरकार को उपलब्ध कराने को कहा गया है. इनमें मध्य प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी तो गुजरात के दो आईएएस अधिकारियों के घरों और दफ्तरों की अब तलाशी ली जा चुकी है.
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