पटनाः सोमवार की सुबह 10:00 बजे के करीब जांच और पूछताछ करने के लिए सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर आई. सीबीआई की टीम करीब 5 घंटे के बाद 2:45 बजे के करीब निकल गई. सीबीआई की टीम राबड़ी आवास से दो गाड़ियों में सवार होकर निकली. इस दौरान सीबीआई की टीम से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जिस वक्स छापेमारी हुई उस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बजट सत्र को लेकर विधानसभा पहुंचे हुए थे. जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी से पूछताछ की.
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समर्थकों ने लगाया नारा : सीबीआई की टीम के निकलने के साथ ही आरजेडी समर्थकों ने जोर-जोर से लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के समर्थन में नारा लगाना शुरू कर दिया. सीबीआई की टीम के निकलने के चंद मिनट के बाद ही राबड़ी देवी भी अपने आवास से बाहर निकल गई. जिसके बाद राबड़ी देवी सीधा विधान परिषद पहुंची, जहां अभी विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है.
''सीबीआई के 4-5 अधिकारियों ने राबड़ी देवी से पूछताछ की है. काफी देर तक यह पूछताछ हुई. सीबीआई की टीम कोई दस्तावेज अपने साथ लेकर नहीं गयी. देखते हैं आगे कोर्ट की क्या कार्यवाही होती है.''- शिव कुमार यादव, राबड़ी देवी के वकील
सवाल सुनकर भड़कीं राबड़ी देवी : राबड़ी देवी जब विधान परिषद पहुंची तो पत्रकारों ने उनसे इस मसले पर पूछा तो भड़क गयी. उन्होंने कहा कि सीबीआई तो आती रहती है हमारे घर में, क्या करें. इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी साथ थे.
जमीन के बदले नौकरी देने का है आरोपः आपको बता दें कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव पर जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप है. ये मामला 2004 से 2009 का है, जब वो केंद्रीय रेल मंत्री थे. इस मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव और 12 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है. आपको बता दें कि इस मामले में सभी आरोपियों को 15 मार्च तक कोर्ट में पेश होने को कहा गया है. सीबीआई के आरोप के मुताबिक जब राजद सुप्रीमो लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे में नौकरी देने में बड़ी पैमाने पर अनियमितता बरती थी.
12 लोगों पर गलत तरीके से नौकरी लेने का आरोपः आपको बता दें कि पिछले साल मई 2022 में इस मामले को लेकर 17 जगहों पर छापेमारी की गई थी. लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे ग्रुप- डी की नौकरी देने के बदले उनके परिवार के सदस्यों को पटना में प्रमुख संपत्तियां बेच दी गई या फिर गिफ्ट कर दी गई. दर्ज मामले के मुताबिक रेलवे में जमीन के बदले नौकरी पाने वालों में धर्मेंद्र राय, रवींद्र राय, अभिषेक कुमार, राजकुमार, दिलचंद कुमार, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, प्रेमचंद्र कुमार, लालचंद कुमार, पिंटू कुमार और ह्रदयानंद हैं. इन सभी बारह लोगों पर गलत तरीके से सरकारी नौकरी पाने का आरोप है.