मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में सीबीआई की टीम ने नई FIR दर्ज कराई है. इस बार अज्ञात अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराई गयी है. शनिवार को सीबीआई ने IPC की धारा 363 और 120B के तहत दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
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नाबालिग के लापता होने का मामलाः मुजफ्फरपुर बालिका सुधारगृह से नाबालिग रानी कुमारी उर्फ पुष्पा कुमारी के लापता होने के मामले में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के अज्ञात अधिकारी और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है.
फर्जी माता पिता.. फर्जी आईकार्ड : नाबालिग रानी कुमारी उर्फ पुष्पा कुमारी जो शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग थी. कथित तौर पर 10 नवंबर 2015 को उसके पिता राजकुमार पासवान के हवाले कर दी गई थी. जांच में पता चला कि राजकुमार पासवान और उनकी पत्नी शीतला देवी के वोटर आईडी कार्ड फर्जी थे. दोनों फर्जी माता पिता थे.
सरकार ने FIR करने का दिया था आदेशः इस मामले में बिहार सरकार ने 23 मार्च 2023 को डीएसपीई अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी की थी. भारत सरकार ने 18 जुलाई 2023 को अधिसूचना जारी की और सीबीआई को FIR करने का निर्देश दिया था. 29 जुलाई 2023 शनिवार को CBI ने अज्ञात अधिकारी के खिलाफ दर्ज FIR दर्ज कराई है.
लड़कियों के साथ यौन शोषणः दरअसल, साल 2018 में भी एक मामला सामने आया था. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें सामने आया था कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जाता है. यह मामला सामने आते ही सरकार ने खलबली मच गई थी.
सीबीआई कर रही जांचः बिहार सराकर ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अगले दिन ही 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पटना के थाने में केस दर्ज की थी. इसमें 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें 10 महिलाएं भी शामिल थी. जिसकी मिलीभगत से इस कारनामे को अंजाम दिया जाता था.
21 लोगों को आरोपी बनाया थाः इस मामले में 21 लोगों में आरोपी बनाया गया था. मुजफ्फरपुर बालिका गृह के सर्वेसर्वा ब्रजेश ठाकुर, संस्थान की अधीक्षक इंदु कुमारी, हाउस मदर मीनू देवी, काउंसलर मंजू देवी, हाउस मदर चंदा देवी, नर्स नेहा कुमारी, हेल्पर किरण कुमारी, प्रोबेशनरी अधिकारी हेमा मसीहा, बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन, बाल कल्याण समिति सदस्य विकास कुमार, सहायक निदेशक रोजी रानी, ब्रजेश ठाकुर का ड्राइवर विजय कुमार तिवारी, रसोईया गुड्डू कुमार, गेटकीपर रामानुज ठाकुर सहित 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था.
11 आरोपियों को उम्र कैदः 2018 मामले में 6 से अधिक लड़कियों ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. ब्रजेश ठाकुर भी लड़कियों के साथ यौन शोषण करता था. इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. वहीं 6 आरोपियों को 10 साल और एक को 3 साल व एक को 6 माह की सजा सुनाई गई थी.