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रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को नहीं ढूंढ पा रही CBI, कोर्ट से मांगा TIME - Rampur Tiraha incident

रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को CBI नहीं ढूंढ पा रही है. इसके लिए CBI ने कोर्ट से TIME मांगा है. CBI ने कोर्ट में कहा 1994 के मुकाबले भौगोलिक स्थिति बदल चुकी है. ऐसे में पीड़ितों का वर्तमान निवास स्थान का पता लगाए जाने के लिए समय की आवश्यकता है.

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रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को नहीं ढूंढ पा रही CBI
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Published : Jul 17, 2023, 10:23 PM IST

देहरादून: मुजफ्फरनगर के चर्चित रामपुर तिराहा कांड की पीड़ितों तक पहुंचने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय मांगा है. वहीं अदालत द्वारा जारी किए गए समन अभी तामील नहीं कराए गए हैं. इस प्रकरण में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

बता दें रामपुर तिराहा कांड की पीड़ितों को समन तामील नहीं कराए जा सके हैं. सीबीआई ने पीड़िताओं का पता तलाशने के लिए अदालत से समय मांगा है. इसमें अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात में अब प्रकरण की सुनवाई 24 जुलाई को होगी. अदालत से जारी समन सीबीआई पीड़ितों को तामील नहीं करा सकी है. सीबीआई का कहना है कि वर्ष 1994 के मुकाबले भौगोलिक स्थिति बदल चुकी है. ऐसे में पीड़ितों का वर्तमान निवास स्थान का पता लगाए जाने के लिए समय दिए जाने की आवश्यकता है. अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सीबीआई को 24 जुलाई तक का समय दिया गया.

पढ़ें- मुजफ्फरनगर गोली कांड: शहादत के 24 साल बाद भी आंदोलनकारियों को नहीं मिला न्याय

रामपुर तिराहा कांड में एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे. देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया. आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी. इसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. सीबीआई ने मामले की जांच की. पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे. गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अदालत में ट्रांसफर कर दिया था.

देहरादून: मुजफ्फरनगर के चर्चित रामपुर तिराहा कांड की पीड़ितों तक पहुंचने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय मांगा है. वहीं अदालत द्वारा जारी किए गए समन अभी तामील नहीं कराए गए हैं. इस प्रकरण में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

बता दें रामपुर तिराहा कांड की पीड़ितों को समन तामील नहीं कराए जा सके हैं. सीबीआई ने पीड़िताओं का पता तलाशने के लिए अदालत से समय मांगा है. इसमें अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात में अब प्रकरण की सुनवाई 24 जुलाई को होगी. अदालत से जारी समन सीबीआई पीड़ितों को तामील नहीं करा सकी है. सीबीआई का कहना है कि वर्ष 1994 के मुकाबले भौगोलिक स्थिति बदल चुकी है. ऐसे में पीड़ितों का वर्तमान निवास स्थान का पता लगाए जाने के लिए समय दिए जाने की आवश्यकता है. अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सीबीआई को 24 जुलाई तक का समय दिया गया.

पढ़ें- मुजफ्फरनगर गोली कांड: शहादत के 24 साल बाद भी आंदोलनकारियों को नहीं मिला न्याय

रामपुर तिराहा कांड में एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे. देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया. आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी. इसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. सीबीआई ने मामले की जांच की. पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे. गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अदालत में ट्रांसफर कर दिया था.

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