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Land For Job Scam : तेजस्वी-मीसा से पूछताछ खत्म.. बाहर निकलकर बोले डिप्टी CM- 'जो पूछा गया, जवाब दिया' - तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ खत्म

लैंड फॉर जॉब स्कैम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ खत्म हो गई है. सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलने के बाद तेजस्वी ने कहा कि हमलोगों ने शुरू से जांच में सहयोग किया है. देश की जनता भी समझती है कि ये सब क्यों हो रहा है लेकिन हमलोग घबराने वाले लोग नहीं हैं.

तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
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Published : Mar 25, 2023, 11:12 AM IST

Updated : Mar 25, 2023, 10:51 PM IST

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

नई दिल्ली/पटना: 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में सीबीआई के समन पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से शनिवार को सीबीआई ऑफिस में पूछताछ हुई. सीबीआई उनसे रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में पूछताछ की है. उधर, ईडी ने लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से पूछताछ की. सीबीआई मुख्यालय से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनसे जो भी सवाल पूछे गए, उन्होंने उन प्रश्नों के जवाब दिए. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच तो ये है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है.

ये भी पढ़ें- Land For Jobs Scam: एक भी FIR नहीं फिर भी मुश्किल में क्यों है डिप्टी सीएम तेजस्वी? जानिए पूरा मामला

"हमने पहले भी कहा है. जब से जांच शुरू हुई है, हमने और हमारे परिवार के लोगों ने जवाब दिया है. हर बार जांच में सहयोग किया गया है. मुझसे जो सवाल पूछा गया, उसका मैंने जवाब दिया है. ये निराधार चीजें हैं. कौन क्या कहता है, उससे फर्क नहीं पड़ता है लेकिन सच्चाई ये है कि घोटाला हुआ ही नहीं है. इससे अधिक हम कुछ नहीं कहेंगे, बाकी चीजें लीगल है. वैसे सब लोग जानते हैं कि ये हो क्यों रहा है"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार

'देश में इमरजेंसी जैसे हालात' : वहीं नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. केन्द्र सरकार हताशा और निराशा में ऐसी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देख रही है और वो एक एक चीज का हिसाब चुकता करेगी.

मीसा भारती के घर पहुंचे अखिलेश यादव: लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती भी ईडी दफ्तर पहुंची है. उनसे भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में पूछताछ हो रही है. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव मीसा भारती के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. उन्होंने कहा कि 'ईडी और सीबीआई का क्षेत्रिय दलों के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है.'

  • #WATCH कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्रीय पार्टियों को आगे करें और उनके साथ खड़े हो जिससे भाजपा का मुकाबला किया जा सके। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि पिछड़ों का अपमान हो गया। भाजपा के लोगों ने जब मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धौया तब अपमान नहीं हुआ था?: सपा प्रमुख… pic.twitter.com/mguH53ozi0

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीबीआई मुख्यालय में तेजस्वी से पूछताछ: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को लैंड फार जॉब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सुबह 10.30 बजे सीबीआई आफिस पहुंच गए. सीबीआई मुख्यालय से 500 मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सिर्फ एक गाड़ी के निकलने का रास्ता ही रहने दिया था, तेजस्वी की गाड़ी सीधे सीबीआई आफिस के अंदर दाखिल हुई. उनके आगे पीछे दिल्ली पुलिस की गाड़ियां थीं. बता दें कि लालू परिवार के 7 सदस्य आरोपी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के नाम आने से परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तेजस्वी यादव फिलहाल बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. लैंड फॉर जॉब मामला उस समय का है जब 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए.

16 मार्च को हाईकोर्ट ने दिया था आदेश: बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में बीती 16 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने तेजस्वी को आज 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. जिसके अनुसार तेजस्वी आज पेश होने और घोटाले से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए सीबीआई ऑफिस पहुंचे हैं. इससे पहले सीबीआई ने तेजस्वी को इसी महीने पूछताछ के लिए तीन बार समन किया था लेकिन तेजस्वी पत्नी के बीमार होने, बिहार विधानसभा का सत्र चलने का कारण बताते हुए पेश नहीं हुए थे.

नौकरी के बदले कौड़ियों के भाव ली गई जमीन: सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर कौड़ियों के दाम पर भी ली गईं या फिर उन्हें गिफ्ट में दिया गया. सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई, जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की. अब एक बार फिर से सीबीआई के तेजस्वी यादव से पूछताछ के कारण यह मामला चर्चा में है. सीबीआई ने तेजस्वी यादव को तीन बार पहले भी सम्मन जारी किया था. लेकिन किसी न किसी कारण से अपनी व्यस्तता बताते हुए सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं हुए. मामला कोर्ट में भी गया और कोर्ट के निर्देश पर ही आज की तिथि मुकर्रर हुई थी.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?: लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है. इस मामले में CBI ने पिछले साल मई में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था. CBI ने पिछले साल मई में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत लालू के करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. CBI ने इस मामले में पिछले साल मई में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व CM राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी.

12 लोगों से नौकरियों के बदले 7 प्लॉट लिए: लालू के खिलाफ दर्ज केस में CBI ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रिश्वत के रूप में जमीन के प्लॉट लिए थे. इस दौरान लालू पर रेलवे के कई जोन में ग्रुप डी पदों पर 12 लोगों की भर्ती के बदले अपने परिवार वालों के नाम पर जमीन के 7 प्लॉट ट्रांसफर करवाकर आर्थिक फायदा लेने का आरोप है. जमीन के ये 7 प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले उन 12 लोगों के हैं. CBI ने लालू यादव और राबड़ी देवी की छोटी बेटी हेमा यादव को भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी बनाया है. हेमा पर गिफ्ट के रूप में जमीन लेने का आरोप है.

बिना विज्ञापन के ही दी नौकरी: CBI ने अपनी जांच में पाया कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए बिना किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी थी. इन लोगों को भारतीय रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था. CBI के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी. खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया.

एप्लीकेशन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी: ED ने जांच में पाया कि कैंडिडेट्स के कुछ आवेदनों में गैर-जरूरी जल्दबाजी दिखाई गई थी और आश्चर्यजनक रूप से संबंधित एप्लीकेशन मिलने की तारीख के 3 दिनों के अंदर ही उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी. वहीं रेलवे के कई अन्य जोन-वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और वेस्टर्न रेलवे, मुंबई में भी इन लोगों को बिना पूरे पते के ही नियुक्ति दे दी गई थी.

7 डीड में जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल: 1- CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी. यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी काे बेच दी. साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई.

2-फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी. CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई.

3- पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी. इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई.

4- फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी. बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई. CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू प्रसाद यादव की बेटी और पत्नी को दे दिए गए थे. राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं.

5- पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी. CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी.

6- बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेची. हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई. 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया. CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं. साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था.

7- विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी. ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई. इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया.

लैंड फॉर जॉब घोटाला में अब तक सीबीआई ने क्या-क्या किया
18 मई 2022 सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य अज्ञात पर मामला दर्ज
22 मई 2022 बिहार और दिल्ली के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की
27 मई 2022 पूर्व विधायक भोला यादव और रेलकर्मी हृदयानंद चौधरी गिरफ्तार
27 जुलाई 2022 भोला यादव के पटना दरभंगा के आवास पर सीबीआई का छापा
24 अगस्त 2022 राजनेताओं के बिहार दिल्ली समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी

छापों की फेहरिस्त: दो हफ्ते पहले बनी नीतीश कुमार-RJD गठबंधन की सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया. लेकिन उससे कुछ घंटे पहले ही CBI ने कई RJD नेताओं के यहां छापेमारी की. CBI ने ये छापेमारी लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू के करीबी सहयोगी और RJD के MLC सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय और RJD के दो राज्यसभा सांसदों अशफाक करीम और फैयाज अहमद के यहां की.

सीबीआई के बाद ED की इंट्री : 7 अक्टूबर 2022 सीबीआई ने लालू राबड़ी मीसा समेत 16 के खिलाफ चार्जशीट दायर की. 10 मार्च 2023 ईडी ने लालू परिवार और उनके नज़दीकियों के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की उससे पहले सीबीआई ने राबड़ी देवी और लालू यादव से पूछताछ की थी. छापेमारी में 600 करोड़ अवैध संपत्ति की बात ईडी के तरफ से ट्वीट कर कही गई 1 करोड़ कैश और 2 किलोग्राम से ज्यादा सोना मिलने की बात भी कही गई थी. ईडी ने लालू राबड़ी मीसा के पटना दिल्ली आवास के अलावे तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के साथ ही आरजेडी नेता अबू दुजाना के ठिकानों पर यह छापेमारी की थी. तेजस्वी यादव दिल्ली स्थित आवास में रहते हैं वह आवास भी इन दिनों चर्चा में है.

7 डीड में लैंड फॉर जॉब घोटाले की कहानी: चारा घोटाला में पहले ही लालू यादव कई मामलों में सजा काट रहे हैं. फिलहाल सभी मामलों में बेल पर है, लैंड फॉर जॉब मामले में भी लालू परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. लालू परिवार के 7 सदस्य जमीन के 7 सौदे में आरोपी हैं. लैंड फॉर जॉब मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि आज बिहार में महागठबंधन में सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सबूत जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जो आज लालू परिवार के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी है.

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

नई दिल्ली/पटना: 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में सीबीआई के समन पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से शनिवार को सीबीआई ऑफिस में पूछताछ हुई. सीबीआई उनसे रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में पूछताछ की है. उधर, ईडी ने लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से पूछताछ की. सीबीआई मुख्यालय से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनसे जो भी सवाल पूछे गए, उन्होंने उन प्रश्नों के जवाब दिए. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच तो ये है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है.

ये भी पढ़ें- Land For Jobs Scam: एक भी FIR नहीं फिर भी मुश्किल में क्यों है डिप्टी सीएम तेजस्वी? जानिए पूरा मामला

"हमने पहले भी कहा है. जब से जांच शुरू हुई है, हमने और हमारे परिवार के लोगों ने जवाब दिया है. हर बार जांच में सहयोग किया गया है. मुझसे जो सवाल पूछा गया, उसका मैंने जवाब दिया है. ये निराधार चीजें हैं. कौन क्या कहता है, उससे फर्क नहीं पड़ता है लेकिन सच्चाई ये है कि घोटाला हुआ ही नहीं है. इससे अधिक हम कुछ नहीं कहेंगे, बाकी चीजें लीगल है. वैसे सब लोग जानते हैं कि ये हो क्यों रहा है"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार

'देश में इमरजेंसी जैसे हालात' : वहीं नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. केन्द्र सरकार हताशा और निराशा में ऐसी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देख रही है और वो एक एक चीज का हिसाब चुकता करेगी.

मीसा भारती के घर पहुंचे अखिलेश यादव: लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती भी ईडी दफ्तर पहुंची है. उनसे भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में पूछताछ हो रही है. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव मीसा भारती के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. उन्होंने कहा कि 'ईडी और सीबीआई का क्षेत्रिय दलों के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है.'

  • #WATCH कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्रीय पार्टियों को आगे करें और उनके साथ खड़े हो जिससे भाजपा का मुकाबला किया जा सके। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि पिछड़ों का अपमान हो गया। भाजपा के लोगों ने जब मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धौया तब अपमान नहीं हुआ था?: सपा प्रमुख… pic.twitter.com/mguH53ozi0

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीबीआई मुख्यालय में तेजस्वी से पूछताछ: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को लैंड फार जॉब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सुबह 10.30 बजे सीबीआई आफिस पहुंच गए. सीबीआई मुख्यालय से 500 मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सिर्फ एक गाड़ी के निकलने का रास्ता ही रहने दिया था, तेजस्वी की गाड़ी सीधे सीबीआई आफिस के अंदर दाखिल हुई. उनके आगे पीछे दिल्ली पुलिस की गाड़ियां थीं. बता दें कि लालू परिवार के 7 सदस्य आरोपी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के नाम आने से परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तेजस्वी यादव फिलहाल बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. लैंड फॉर जॉब मामला उस समय का है जब 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए.

16 मार्च को हाईकोर्ट ने दिया था आदेश: बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में बीती 16 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने तेजस्वी को आज 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. जिसके अनुसार तेजस्वी आज पेश होने और घोटाले से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए सीबीआई ऑफिस पहुंचे हैं. इससे पहले सीबीआई ने तेजस्वी को इसी महीने पूछताछ के लिए तीन बार समन किया था लेकिन तेजस्वी पत्नी के बीमार होने, बिहार विधानसभा का सत्र चलने का कारण बताते हुए पेश नहीं हुए थे.

नौकरी के बदले कौड़ियों के भाव ली गई जमीन: सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर कौड़ियों के दाम पर भी ली गईं या फिर उन्हें गिफ्ट में दिया गया. सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई, जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की. अब एक बार फिर से सीबीआई के तेजस्वी यादव से पूछताछ के कारण यह मामला चर्चा में है. सीबीआई ने तेजस्वी यादव को तीन बार पहले भी सम्मन जारी किया था. लेकिन किसी न किसी कारण से अपनी व्यस्तता बताते हुए सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं हुए. मामला कोर्ट में भी गया और कोर्ट के निर्देश पर ही आज की तिथि मुकर्रर हुई थी.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?: लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है. इस मामले में CBI ने पिछले साल मई में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था. CBI ने पिछले साल मई में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत लालू के करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. CBI ने इस मामले में पिछले साल मई में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व CM राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी.

12 लोगों से नौकरियों के बदले 7 प्लॉट लिए: लालू के खिलाफ दर्ज केस में CBI ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रिश्वत के रूप में जमीन के प्लॉट लिए थे. इस दौरान लालू पर रेलवे के कई जोन में ग्रुप डी पदों पर 12 लोगों की भर्ती के बदले अपने परिवार वालों के नाम पर जमीन के 7 प्लॉट ट्रांसफर करवाकर आर्थिक फायदा लेने का आरोप है. जमीन के ये 7 प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले उन 12 लोगों के हैं. CBI ने लालू यादव और राबड़ी देवी की छोटी बेटी हेमा यादव को भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी बनाया है. हेमा पर गिफ्ट के रूप में जमीन लेने का आरोप है.

बिना विज्ञापन के ही दी नौकरी: CBI ने अपनी जांच में पाया कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए बिना किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी थी. इन लोगों को भारतीय रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था. CBI के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी. खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया.

एप्लीकेशन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी: ED ने जांच में पाया कि कैंडिडेट्स के कुछ आवेदनों में गैर-जरूरी जल्दबाजी दिखाई गई थी और आश्चर्यजनक रूप से संबंधित एप्लीकेशन मिलने की तारीख के 3 दिनों के अंदर ही उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी. वहीं रेलवे के कई अन्य जोन-वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और वेस्टर्न रेलवे, मुंबई में भी इन लोगों को बिना पूरे पते के ही नियुक्ति दे दी गई थी.

7 डीड में जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल: 1- CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी. यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी काे बेच दी. साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई.

2-फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी. CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई.

3- पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी. इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई.

4- फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी. बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई. CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू प्रसाद यादव की बेटी और पत्नी को दे दिए गए थे. राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं.

5- पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी. CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी.

6- बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेची. हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई. 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया. CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं. साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था.

7- विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी. ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई. इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया.

लैंड फॉर जॉब घोटाला में अब तक सीबीआई ने क्या-क्या किया
18 मई 2022 सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य अज्ञात पर मामला दर्ज
22 मई 2022 बिहार और दिल्ली के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की
27 मई 2022 पूर्व विधायक भोला यादव और रेलकर्मी हृदयानंद चौधरी गिरफ्तार
27 जुलाई 2022 भोला यादव के पटना दरभंगा के आवास पर सीबीआई का छापा
24 अगस्त 2022 राजनेताओं के बिहार दिल्ली समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी

छापों की फेहरिस्त: दो हफ्ते पहले बनी नीतीश कुमार-RJD गठबंधन की सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया. लेकिन उससे कुछ घंटे पहले ही CBI ने कई RJD नेताओं के यहां छापेमारी की. CBI ने ये छापेमारी लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू के करीबी सहयोगी और RJD के MLC सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय और RJD के दो राज्यसभा सांसदों अशफाक करीम और फैयाज अहमद के यहां की.

सीबीआई के बाद ED की इंट्री : 7 अक्टूबर 2022 सीबीआई ने लालू राबड़ी मीसा समेत 16 के खिलाफ चार्जशीट दायर की. 10 मार्च 2023 ईडी ने लालू परिवार और उनके नज़दीकियों के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की उससे पहले सीबीआई ने राबड़ी देवी और लालू यादव से पूछताछ की थी. छापेमारी में 600 करोड़ अवैध संपत्ति की बात ईडी के तरफ से ट्वीट कर कही गई 1 करोड़ कैश और 2 किलोग्राम से ज्यादा सोना मिलने की बात भी कही गई थी. ईडी ने लालू राबड़ी मीसा के पटना दिल्ली आवास के अलावे तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के साथ ही आरजेडी नेता अबू दुजाना के ठिकानों पर यह छापेमारी की थी. तेजस्वी यादव दिल्ली स्थित आवास में रहते हैं वह आवास भी इन दिनों चर्चा में है.

7 डीड में लैंड फॉर जॉब घोटाले की कहानी: चारा घोटाला में पहले ही लालू यादव कई मामलों में सजा काट रहे हैं. फिलहाल सभी मामलों में बेल पर है, लैंड फॉर जॉब मामले में भी लालू परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. लालू परिवार के 7 सदस्य जमीन के 7 सौदे में आरोपी हैं. लैंड फॉर जॉब मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि आज बिहार में महागठबंधन में सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सबूत जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जो आज लालू परिवार के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी है.

Last Updated : Mar 25, 2023, 10:51 PM IST
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