नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्णा में दक्षिण मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन पर एक ठेकेदार से उसका वाहन (पिक-अप वैन) छोड़ने और बिल का भुगतान करने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है.
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मिलिंद जनार्दन लोंढे से दक्षिण मध्य रेलवे, पूर्णा के एक वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (मैकेनिकल) राजीव द्वारा अनुचित लाभ की मांग के संबंध में एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी.
एफआईआर में कहा गया है, "शिकायत और उसके सत्यापन से पता चला कि शिकायतकर्ता लोंधे, जो एसए इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स का मालिक है, 2013 से एक रेलवे ठेकेदार है और उसे जुलाई 2021 से जीईएम के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों के पिक-अप के लिए तीन चार पहिया वाहनों की आपूर्ति का ठेका दिया गया था. उसने पूर्णा, औरंगाबाद और नांदेड़ में रेलवे डिपो को 47,999 रुपये प्रति माह प्रति वाहन के हिसाब से तीन वाहन उपलब्ध कराए, जिनमें से दो उसके खुद के थे और एक किसी परिचित व्यक्ति के पास था.''
यह अनुबंध दो साल के लिए था, जिसकी कुल लागत 34,55,928 रुपये थी और यह जुलाई 2023 में खत्म हो गया. अनुबंध खत्म होने के बाद पूर्णा डिपो में तैनात वाहन क्रमांक एमएच-22 एए 2933 को राजीव ने रिलीज कर दिया. शिकायतकर्ता ने वाहन छुड़ाने और अंतिम बिल पूरा करने के लिए कई बार उनसे संपर्क किया. 18 अगस्त, 2023 को एसएसई राजीव ने अंतिम बिल पूरा किया, लेकिन पीड़ित को दस्तावेज नहीं सौंपे और व्यक्तिगत मुलाकात के लिए कहा.
एफआईआर में आगे लिखा है, "4 सितंबर को राजीव ने वाहन और अन्य दस्तावेज जारी करने के लिए अनुचित लाभ की मांग की और शिकायतकर्ता को पैसे का भुगतान करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने वाहन को जारी नहीं किया और कहा कि वह शेष राशि का भुगतान करने के बाद ही इसे सौंपेंगे." अधिकारी ने बताया कि उन्होंने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच कर रहे हैं.
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(आईएएनएस)