नई दिल्ली : तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के पोल्लाची कस्बे में 2019 में एक युवती के साथ एक गिरोह द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में सीबीआई ने बुधवार को अन्नाद्रमुक के एक पदाधिकारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया. अबतक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
सीबीआई ने बुधवार को सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के छात्र विंग के नेता अरूलानंदम और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि इन सभी आरोपियों को महिला अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने इन सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले में पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है. पहले यह जांच सीबी-सीआईडी कर रही थी लेकिन, अब सीबीआई के पास जांच का जिम्मा है. मई, 2019 में गिरफ्तार पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है.
अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने पार्टी पदाधिकारी के.अरूलानंदम को पार्टी से बर्खास्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि वह पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ चले गए. पार्टी ने आरोपी की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही यह घोषणा की.
विपक्षी पार्टी द्रमुक ने अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी की गिरफ्तारी को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा है. अन्नाद्रमुक के समन्वयक पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्यवक पलानीस्वामी ने चेन्नई में एक बयान में कहा कि हम पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि वे उनके साथ कोई संपर्क नहीं रखें.
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पलानीस्वामी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं जबकि पनीरसेल्वम उप मुख्यमंत्री हैं. वहीं इसी बीच विभिन्न महिला संगठनों की करीब 50 से ज्यादा सदस्यों ने अदालत के सामने प्रदर्शन करते हुए त्वरित न्याय की मांग की. इन सभी को बाद में पुलिस ने वहां से हटाया.
यह मामला 2019 के फरवरी महीने में उस समय प्रकाश में आया जब 19 वर्षीय एक छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. छात्रा का आरोप था कि चार लोगों के एक गिरोह ने कार के भीतर उसके कपड़े उतराने की कोशिश की. इस घटना का वीडियो बनाया और उस वीडियो के आधार पर वह उसे ब्लैकमेल करने लगे.
बाद में यह भी सामने आने लगा कि इस गिरोह ने लंबे समय से पोल्लाची में कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करके उन्हें ब्लैकमेल किया है. इस पूरे मुद्दे के प्रकाश में आने के बाद लोगों ने इस पर आक्रोश व्यक्त किया, जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने पहले तो, इस मामले की जांच को सीबी-सीआईडी पुलिस को सौंपा और बाद में सीबीआई के हवाले कर दिया.