रोहतास: 14 अप्रैल 2023 को करगहर प्रखंड में पुलिस गश्ती कर रही थी. इसी दौरान दौरान पुलिस ने कुड़ियाड़ी बंगला के पास से एक पिकअप वैन में तस्करी किए जा रहे एक भैंस के बच्चे और एक भैंसा को बरामद किया. पुलिस ने दोनों पशुओं को सासाराम स्थित गौशाला में रख दिया. इस दौरान टीम ने चार तस्करों को भी पकड़ा था. पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि भैंसा रोहतास के करगहर प्रखंड के कपटिया गांव के रहने वाले पशु पालक सुरिंदर सिंह का है.
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भैंसा के लिए कोर्ट से गुहार: इसके बाद सुरिंदर ने अपने भैंसा को छुड़ाने की गुहार न्यायालय से लगाई है. सुरिंदर को अपने भैंसे से इतना अगाध प्रेम है कि वह चोरी हुए भैंसे को पुलिस के बरामद करने लेने के बाद उसे छुड़ाने के लिए कोर्ट पहुंच गए. कपटिया गांव के पशुपालक सुरिंदर सिंह इस भैंसे को अपने बेटे की तरह मानते हैं. इतना ही नहीं 5 गांव के लोग भी इस भैंसे से बहुत प्यार करते हैं. पशुपालक की ओर से दाखिल अर्जी पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने स्थानीय थाने से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट भी मांग ली है.
"भैंसा पांच गांवों में सभी का लाडला है. इसे सभी लोग बहुत प्रेम करते हैं लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया और गौशाला में बंद कर दिया है, जिसके बाद हम लोग थाने गए तो थाने वालों ने छोड़ने से मना कर दिया. जब लगा कि हमारा भैंसा हमें नहीं मिल पाएगा, तब जाकर हम लोगों ने कोर्ट की शरण ली है, जिसके बाद कोर्ट ने थाने से रिपोर्ट मांगी है."- सुरिंदर सिंह, पशुपालक
"गश्ती दल ने सूचना पर कुड़ियाड़ी बंगला के नजदीक एक मैजिक पिकअप पर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे एक भैंसा को बरामद किया था. भैंसा को फिलहाल सासाराम के गौशाला में रखा गया है."- शंभू भगत, एएसआई, करगहर थाना
भैंसे को छुड़ाने के लिए पूरे गांव के लोगों ने वसूला चंदा: कपटिया गांव के लोगों ने अपने लाडले भैंसा को छुड़ाने के लिए पूरे गांव में चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. गांव के लोग बताते हैं कि अब तक तकरीबन तीन हजार रुपए इकट्ठा कर चुके हैं, ताकि वह भैंसे को छुड़ा सके. ग्रामीण यह भी बताते हैं कि पहले भी दो बार चोरी हो गया था, काफी प्रयास से हम लोग उसे वापस लेकर आए लेकिन इस बार की घटना से हम काफी मायूस हैं.
"विगत दिनों पहले एक पुराने भैंसे की मौत हो गई थी. इसके बाद हम ग्रामीणों के द्वारा उसका हिंदू रीति रिवाज के अनुसार क्रिया कर्म किया गया. हमारा यह भैंसा हम सभी की जान है, बहुत लाडला है उसे किसी भी हाल में वापस लाकर रहेंगे."- राजबली प्रसाद, ग्रामीण