नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों की जांच लोकसभा की आचार समिति कर रही है. इस संबंध में समिति की बैठक 9 नवंबर को होगी. पहले विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाले पैनल की बैठक 7 नवंबर को बुलाई जाने वाली थी.
लोकसभा एजेंडा के अनुसार सांसद निशिकांत दुबे द्वारा महुआ मोइत्रा के खिलाफ 15 अक्टूबर 2023 को दी गई शिकायत की जांच करनी है. इसमें कथित रूप से नकद पैसे लेने के आरोपों की जांच की जानी है. मोइत्रा अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों को लेकर 2 नवंबर को लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुई थीं. पैनल के विपक्षी सदस्यों के साथ, वह गुरुवार को बैठक से वॉकआउट कर गईं. विपक्षी सदस्यों ने सवाल पूछने के तरीके पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से व्यक्तिगत सवाल पूछे गए.
बैठक से वॉकआउट करने वालों में बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी शामिल थे. मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें पैनल से अपमानजनक व्यक्तिगत सवालों का सामना करना पड़ा. उन्होंने आगे इस प्रकरण को महाभारत के उस अध्याय का जिक्र करते हुए कहावतपूर्ण वस्त्रहरण (निर्वस्त्र करना) के रूप में वर्णित किया, जहां कौरवों ने दरबार में पाडवों की रानी द्रौपदी को अपमानित किया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में मोइत्रा ने कहा कि बैठक के दौरान उनके साथ अनैतिक, घिनौना, पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार किया गया.
रविवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद ने एथिक्स पैनल के प्रमुख विनोद सोनकर के खिलाफ हमला बोला और दावा किया कि जब वह 2 नवंबर को नकदी के संबंध में पैनल के सामने पेश हुईं तो भाजपा सांसद ने उनसे घटिया, घिनौने अप्रासंगिक सवाल पूछे थे. एक्स पर एक पोस्ट में टीएमसी सांसद ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके पास एथिक्स कमेटी में रिकॉर्ड की 'सटीक' प्रतिलिपि है.
मैं यह जानकर कांप रही हूं कि भाजपा मेरे खिलाफ आपराधिक मामलों की योजना बना रही है. उनका स्वागत है. लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष सोनकर ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पैनल के समक्ष अपनी गवाही के बाद जिरह के दौरान मोइत्रा द्वारा उनके और अन्य सदस्यों के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था.