ETV Bharat / bharat

लोकसभा की आचार समिति ने मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश की, 6:4 के बहुमत से हुआ फैसला - Cash and Query case

रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने संबंधी आरोपों के मामले में लोकसभा की आचार समिति ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है. Lok Sabha Ethics Committee, TMC MP Mahua Moitra, BJP MP Nishikant Dubey

TMC MP Mahua Moitra (File photo/ANI)
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा. (फाइल फोटो/एएनआई)
author img

By ANI

Published : Nov 10, 2023, 7:00 AM IST

नयी दिल्ली : लोकसभा की आचार समिति ने ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की अनुशंसा की. लोकसभा आचार समिति की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें उन्होंने 6:4 बहुमत के साथ रिपोर्ट को अपनाया. मोइत्रा ने आचार समिति की सिफारिश को खारिज करते हुए इसे 'एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच' करार दिया और कहा कि यह भारत में 'लोकतंत्र की मौत' है.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. सूत्रों का कहना है कि 479 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है.

अब आचार समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के पटल पर रखी जाएगी और इससे संबंधित प्रस्ताव पर मतदान होगा. सोनकर ने संवाददाताओं से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया.

पैनल के अध्यक्ष विनोद सोनकर के मुताबिक, कांग्रेस सांसद परनीत कौर समेत समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया. उन्होंने आगे कहा कि पैनल शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक 'विस्तृत रिपोर्ट' सौंपेगा. सोनकर ने कहा कि संसदीय आचार समिति की सिफारिश रिपोर्ट को समिति ने 6:4 बहुमत के साथ अपनाया है. कांग्रेस सांसद परनीत कौर उन छह सांसदों में से एक हैं जिन्होंने मसौदे का समर्थन किया था. एक विस्तृत रिपोर्ट आज लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जायेगी. सोनकर ने कहा कि कोई भी कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करेंगे.

विशेष रूप से, परनीत कौर जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, अब भाजपा में हैं. कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इस साल फरवरी में परनीत कौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था. जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह राज्य में बीजेपी की मदद कर रही हैं. उनके पति अमरिन्दर सिंह और बेटी जय इंदर कौर पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे.

निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ कौर के फैसले का समर्थन किया और कांग्रेस सांसद को 'समझौता न करने वाली' बताया. उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा भारत की पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खड़ा रहा है. आज फिर कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी और कांग्रेस पार्टी के सांसद परनीत कौर जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया. भारत पंजाब के बहादुर लोगों का हमेशा आभारी रहेगा, है और रहेगा. उन्होंने कहा कि परनीत कौर ने सच्चाई का साथ दिया. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं. कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा. रिपोर्ट का विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की अनुशंसा को 'पूर्वाग्रत से युक्त' और 'गलत' बताया.

मोइत्रा के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस सदस्य के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक शिकायत भेजी, जिसमें उन पर अडाणी समूह एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में आचार समिति की बैठक सबसे पहले 26 अक्टूबर को हुई थी निशिकांत दुबे और देहाद्रई ने पेश हुए थे. इसके बाद दो नवंबर को मोइत्रा समिति के समक्ष उपस्थित हुई थीं.

लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचारी ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने किसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है. वर्ष 2005 में 'रिश्वत लेकर सवाल पूछने' के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति की ओर से की गई थी. महुआ मोइत्रा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें, मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी.

आचार समिति के पांच विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति नोट दर्ज कराया गया है. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और इससे आने वाले समय में एक खतरनाक परिपाटी कायम होगी.

सूत्रों ने यह जानकारी दी है. समिति में शामिल एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम, बसपा के दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) के गिरधारी यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी. नटराजन ने असहमति के नोट दिए हैं. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति के नोट में यह दावा भी किया कि जांच की यह प्रक्रिया एक दिखावा और 'कंगारू अदालत' की कार्यवाही की तरह है.

समिति ने मोइत्रा को दोषी ठहराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का हवाला दिया

लोकसभा की आचार समिति ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल’ साझा करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा को दोषी ठहराने के लिए अन्य राष्ट्रों की साइबर एजेंसियों एवं प्रतिनिधियों (स्टेट एक्टर्स) तथा गैर-सरकारी संगठनों एवं कंपनियों से जुड़े साइबर अपराधियों (नन-स्टेट एक्टर्स) से भारत के समक्ष खतरों का हवाला दिया है. साथ ही कहा है कि वह (हीरानंदानी) दुबई के अधिकृत निवासी हैं और उनके करीबी रिश्तेदार विदेशी नागरिक हैं.

एक सूत्र के अनुसार समिति ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि इससे विदेशी एजेंसियों के लिए संवेदनशील सामग्री के लीक होने का गंभीर खतरा पैदा होता है. सूत्र के अनुसार, समिति ने गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिकॉर्ड किया है कि जुलाई 2019 और अप्रैल 2023 के बीच मोइत्रा का पोर्टल संयुक्त अरब अमीरात से 47 बार संचालित किया गया था.

समझा जाता है कि भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को मंजूर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस तरह की घटना से प्रणाली (सिस्टम) गंभीर साइबर हमलों की जद में आ सकती है और संभावित रूप से ऐसी घटना प्रणाली को पूरी तरह से अक्षम कर सकती है, जिससे भारत की संसद का कामकाज बाधित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे तत्व प्रणाली में ऐसी चीजें डाल सकते हैं जो झूठे दस्तावेज या फर्जी आख्यान के जरिये राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है.

समिति को बताया गया कि पोर्टल पर सांसदों को पहले से ही भेजे गये मसौदा विधेयक सहित कई दस्तावेज उपलब्ध होते हैं जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं होते हैं. गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में पोर्टल पर पहले से अपलोड किए गए तीन तलाक की प्रथा पर प्रतिबंध और दिवाला सहित 20 विधेयकों का हवाला दिया था.सूत्रों ने मसौदा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर परिसीमन विधेयक, 2019 को पहले ही प्रसारित कर दिया गया था और इससे ऐसी संवेदनशील सामग्री के लीक होने की संभावना है, जिसका इस्तेमाल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के लिए शत्रु तत्वों’ की ओर से किया जा सकता है.

सूत्रों ने कहा कि समिति बहुमत के साथ इस निष्कर्ष पर पहुंची कि हीरानंदानी से ‘अवैध पेशकश’ स्वीकार करने के आरोप स्पष्ट रूप से स्थापित हो गए हैं, यह उनके स्वयं के बयान और मीडिया में उनकी टिप्पणियों से पता चलता है. हालांकि, इन आरोपों के संदर्भ में कि मोइत्रा ने व्यवसायी हीरानंदानी से नकदी भी स्वीकार की थी, समिति ने स्वीकार किया है कि उसके पास आपराधिक जांच करने और धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए तकनीकी साधन और विशेषज्ञता नहीं है.

सूत्रों ने समिति की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से केंद्र सरकार के संस्थानों का काम है. समिति ने सिफारिश की है कि सरकार द्वारा किसी भी 'लेन-देन' की समयबद्ध तरीके से जांच की जा सकती है.

ये भी पढ़ें

मोइत्रा ने समिति के समक्ष और बाहर अपनी टिप्पणियों में यह स्वीकार तो किया है कि हीरानंदानी ने उनके लॉग-इन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया था, हालांकि उन्होंने इसके लिए किसी प्रकार के 'लेन-देन' को खारिज किया है.

नयी दिल्ली : लोकसभा की आचार समिति ने ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की अनुशंसा की. लोकसभा आचार समिति की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें उन्होंने 6:4 बहुमत के साथ रिपोर्ट को अपनाया. मोइत्रा ने आचार समिति की सिफारिश को खारिज करते हुए इसे 'एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच' करार दिया और कहा कि यह भारत में 'लोकतंत्र की मौत' है.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. सूत्रों का कहना है कि 479 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है.

अब आचार समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के पटल पर रखी जाएगी और इससे संबंधित प्रस्ताव पर मतदान होगा. सोनकर ने संवाददाताओं से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया.

पैनल के अध्यक्ष विनोद सोनकर के मुताबिक, कांग्रेस सांसद परनीत कौर समेत समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया. उन्होंने आगे कहा कि पैनल शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक 'विस्तृत रिपोर्ट' सौंपेगा. सोनकर ने कहा कि संसदीय आचार समिति की सिफारिश रिपोर्ट को समिति ने 6:4 बहुमत के साथ अपनाया है. कांग्रेस सांसद परनीत कौर उन छह सांसदों में से एक हैं जिन्होंने मसौदे का समर्थन किया था. एक विस्तृत रिपोर्ट आज लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जायेगी. सोनकर ने कहा कि कोई भी कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करेंगे.

विशेष रूप से, परनीत कौर जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, अब भाजपा में हैं. कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इस साल फरवरी में परनीत कौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था. जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह राज्य में बीजेपी की मदद कर रही हैं. उनके पति अमरिन्दर सिंह और बेटी जय इंदर कौर पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे.

निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ कौर के फैसले का समर्थन किया और कांग्रेस सांसद को 'समझौता न करने वाली' बताया. उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा भारत की पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खड़ा रहा है. आज फिर कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी और कांग्रेस पार्टी के सांसद परनीत कौर जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया. भारत पंजाब के बहादुर लोगों का हमेशा आभारी रहेगा, है और रहेगा. उन्होंने कहा कि परनीत कौर ने सच्चाई का साथ दिया. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं. कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा. रिपोर्ट का विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की अनुशंसा को 'पूर्वाग्रत से युक्त' और 'गलत' बताया.

मोइत्रा के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस सदस्य के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक शिकायत भेजी, जिसमें उन पर अडाणी समूह एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में आचार समिति की बैठक सबसे पहले 26 अक्टूबर को हुई थी निशिकांत दुबे और देहाद्रई ने पेश हुए थे. इसके बाद दो नवंबर को मोइत्रा समिति के समक्ष उपस्थित हुई थीं.

लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचारी ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने किसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है. वर्ष 2005 में 'रिश्वत लेकर सवाल पूछने' के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति की ओर से की गई थी. महुआ मोइत्रा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें, मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी.

आचार समिति के पांच विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति नोट दर्ज कराया गया है. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और इससे आने वाले समय में एक खतरनाक परिपाटी कायम होगी.

सूत्रों ने यह जानकारी दी है. समिति में शामिल एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम, बसपा के दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) के गिरधारी यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी. नटराजन ने असहमति के नोट दिए हैं. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति के नोट में यह दावा भी किया कि जांच की यह प्रक्रिया एक दिखावा और 'कंगारू अदालत' की कार्यवाही की तरह है.

समिति ने मोइत्रा को दोषी ठहराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का हवाला दिया

लोकसभा की आचार समिति ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल’ साझा करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा को दोषी ठहराने के लिए अन्य राष्ट्रों की साइबर एजेंसियों एवं प्रतिनिधियों (स्टेट एक्टर्स) तथा गैर-सरकारी संगठनों एवं कंपनियों से जुड़े साइबर अपराधियों (नन-स्टेट एक्टर्स) से भारत के समक्ष खतरों का हवाला दिया है. साथ ही कहा है कि वह (हीरानंदानी) दुबई के अधिकृत निवासी हैं और उनके करीबी रिश्तेदार विदेशी नागरिक हैं.

एक सूत्र के अनुसार समिति ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि इससे विदेशी एजेंसियों के लिए संवेदनशील सामग्री के लीक होने का गंभीर खतरा पैदा होता है. सूत्र के अनुसार, समिति ने गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिकॉर्ड किया है कि जुलाई 2019 और अप्रैल 2023 के बीच मोइत्रा का पोर्टल संयुक्त अरब अमीरात से 47 बार संचालित किया गया था.

समझा जाता है कि भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को मंजूर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस तरह की घटना से प्रणाली (सिस्टम) गंभीर साइबर हमलों की जद में आ सकती है और संभावित रूप से ऐसी घटना प्रणाली को पूरी तरह से अक्षम कर सकती है, जिससे भारत की संसद का कामकाज बाधित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे तत्व प्रणाली में ऐसी चीजें डाल सकते हैं जो झूठे दस्तावेज या फर्जी आख्यान के जरिये राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है.

समिति को बताया गया कि पोर्टल पर सांसदों को पहले से ही भेजे गये मसौदा विधेयक सहित कई दस्तावेज उपलब्ध होते हैं जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं होते हैं. गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में पोर्टल पर पहले से अपलोड किए गए तीन तलाक की प्रथा पर प्रतिबंध और दिवाला सहित 20 विधेयकों का हवाला दिया था.सूत्रों ने मसौदा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर परिसीमन विधेयक, 2019 को पहले ही प्रसारित कर दिया गया था और इससे ऐसी संवेदनशील सामग्री के लीक होने की संभावना है, जिसका इस्तेमाल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के लिए शत्रु तत्वों’ की ओर से किया जा सकता है.

सूत्रों ने कहा कि समिति बहुमत के साथ इस निष्कर्ष पर पहुंची कि हीरानंदानी से ‘अवैध पेशकश’ स्वीकार करने के आरोप स्पष्ट रूप से स्थापित हो गए हैं, यह उनके स्वयं के बयान और मीडिया में उनकी टिप्पणियों से पता चलता है. हालांकि, इन आरोपों के संदर्भ में कि मोइत्रा ने व्यवसायी हीरानंदानी से नकदी भी स्वीकार की थी, समिति ने स्वीकार किया है कि उसके पास आपराधिक जांच करने और धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए तकनीकी साधन और विशेषज्ञता नहीं है.

सूत्रों ने समिति की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से केंद्र सरकार के संस्थानों का काम है. समिति ने सिफारिश की है कि सरकार द्वारा किसी भी 'लेन-देन' की समयबद्ध तरीके से जांच की जा सकती है.

ये भी पढ़ें

मोइत्रा ने समिति के समक्ष और बाहर अपनी टिप्पणियों में यह स्वीकार तो किया है कि हीरानंदानी ने उनके लॉग-इन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया था, हालांकि उन्होंने इसके लिए किसी प्रकार के 'लेन-देन' को खारिज किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.