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नकली रेमडेसिविर का मामला: सिटी अस्पताल संचालक समेत 3 के खिलाफ मामला दर्ज

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जबलपुर पुलिस ने सपन जैन के बाद नामी अस्पताल के संचालक और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वहीं एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा हार्ट अटैक का बहाना बनाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती है.

नकली रेमडेसिविर का मामला
नकली रेमडेसिविर का मामला
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Published : May 11, 2021, 1:35 PM IST

भोपाल : गुजरात मे बनाए जा रहे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार मध्यप्रदेश से जुड़े हुए थे, लगातार मीडिया की सुर्खियां और विपक्ष के दवाब के चलते आखिरकार इस मामले में जबलपुर पुलिस ने सपन जैन के बाद नामी अस्पताल के संचालक और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बताया जा रहा है कि एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा हार्ट अटैक का बहाना बनाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती हो गए हैं.

नकली रेमडेसिविर का मामला
गुजरात पुलिस ने की शुरुआत

बता दें शुक्रवार की रात अचानक गुजरात पुलिस जबलपुर पहुंची थी, पुलिस अधारताल निवासी सपन जैन को गिरफ्तार करने के बाद उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी,इधर आगे की कार्रवाई जबलपुर पुलिस ने शुरू कर दी थी. लिहाजा सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन ने खुलासा किया है की गुजरात से नकली इंजेक्शन की खेप जबलपुर लाने में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का बड़ा हाथ था. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी इस गोरखधंधे का खुलासा करने में जुट गई थी.

जबलपुर पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा
नकली इंजेक्शन मामले में जब अधारताल पुलिस सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन से पूछताछ की, तो पता चला कि सपन जैन को गुजरात से नकली रेमडेसिविर लाने के लिए कहा गया था, जिसका जीएसटी नंबर के साथ बिल भी देने कहा गया था,साथ ही कहा कि इंजेक्शन अस्पताल में लाकर देना. सपन जैन ने डिलेवर भी कर दिए, सपन के चाचा सत्येंद्र ने पूछताछ में बताया कि सिटी अस्पताल संचालक से उसके भतीजे को 70 लाख रु दवाई के लेने थे, जिस पर सरबजीत सिंह मोखा ने कहा था कि गुजरात से यह इंजेक्शन ले आओ. उसके बाद वो उसे 50 लाख रु दे देगा.

पढ़ें : मध्य प्रदेश: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे 17 आरोपी गिरफ्तार



ओमती थाना पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई मामले में एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर ओमती थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. साथ ही सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया और सपन जैन पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एएसपी रोहित काशवानी के मुताबिक, ओमती थाना पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, कर्मचारी देवेश चौरसिया और सपन जैन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

देवेश चौरसिया गिरफ्तार-मोखा आईसीयू में भर्ती
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सिटी अस्पताल संचालक मोखा की गिरफ्तारी के लिए तीन थानों की टीम को लगाया गया है. बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह सिटी अस्पताल में ही भर्ती है. जिन्हें दिल के दौरे की शिकायत हुई थी, पुलिस ने सरबजीत सिंह की जांच के लिए मेडिकल टीम गठित करने की मांग भी की है.


ETV भारत ने किया खुलासा
जिले के सबसे बड़े अस्पताल सिटी हॉस्पिटल में पहले से ही मरीजों को लूटने का धंधा चलता आ रहा है, कोरोना संक्रमण के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देश के बावजूद सिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के लिए 5175 रुपये लिए जा रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन को भी इस विषय की जानकारी है. बावजूद इसके अस्पताल में धड़ल्ले से मन मुताबिक रु लेने का सिलसिला जारी था.

भोपाल : गुजरात मे बनाए जा रहे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार मध्यप्रदेश से जुड़े हुए थे, लगातार मीडिया की सुर्खियां और विपक्ष के दवाब के चलते आखिरकार इस मामले में जबलपुर पुलिस ने सपन जैन के बाद नामी अस्पताल के संचालक और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बताया जा रहा है कि एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा हार्ट अटैक का बहाना बनाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती हो गए हैं.

नकली रेमडेसिविर का मामला
गुजरात पुलिस ने की शुरुआत

बता दें शुक्रवार की रात अचानक गुजरात पुलिस जबलपुर पहुंची थी, पुलिस अधारताल निवासी सपन जैन को गिरफ्तार करने के बाद उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी,इधर आगे की कार्रवाई जबलपुर पुलिस ने शुरू कर दी थी. लिहाजा सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन ने खुलासा किया है की गुजरात से नकली इंजेक्शन की खेप जबलपुर लाने में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का बड़ा हाथ था. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी इस गोरखधंधे का खुलासा करने में जुट गई थी.

जबलपुर पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा
नकली इंजेक्शन मामले में जब अधारताल पुलिस सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन से पूछताछ की, तो पता चला कि सपन जैन को गुजरात से नकली रेमडेसिविर लाने के लिए कहा गया था, जिसका जीएसटी नंबर के साथ बिल भी देने कहा गया था,साथ ही कहा कि इंजेक्शन अस्पताल में लाकर देना. सपन जैन ने डिलेवर भी कर दिए, सपन के चाचा सत्येंद्र ने पूछताछ में बताया कि सिटी अस्पताल संचालक से उसके भतीजे को 70 लाख रु दवाई के लेने थे, जिस पर सरबजीत सिंह मोखा ने कहा था कि गुजरात से यह इंजेक्शन ले आओ. उसके बाद वो उसे 50 लाख रु दे देगा.

पढ़ें : मध्य प्रदेश: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे 17 आरोपी गिरफ्तार



ओमती थाना पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई मामले में एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर ओमती थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. साथ ही सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया और सपन जैन पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एएसपी रोहित काशवानी के मुताबिक, ओमती थाना पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, कर्मचारी देवेश चौरसिया और सपन जैन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

देवेश चौरसिया गिरफ्तार-मोखा आईसीयू में भर्ती
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सिटी अस्पताल संचालक मोखा की गिरफ्तारी के लिए तीन थानों की टीम को लगाया गया है. बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह सिटी अस्पताल में ही भर्ती है. जिन्हें दिल के दौरे की शिकायत हुई थी, पुलिस ने सरबजीत सिंह की जांच के लिए मेडिकल टीम गठित करने की मांग भी की है.


ETV भारत ने किया खुलासा
जिले के सबसे बड़े अस्पताल सिटी हॉस्पिटल में पहले से ही मरीजों को लूटने का धंधा चलता आ रहा है, कोरोना संक्रमण के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देश के बावजूद सिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के लिए 5175 रुपये लिए जा रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन को भी इस विषय की जानकारी है. बावजूद इसके अस्पताल में धड़ल्ले से मन मुताबिक रु लेने का सिलसिला जारी था.

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