मुंबई: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की करतूतों के मामले में बुधवार सुबह सेशन कोर्ट में एक गवाह पेश हुआ. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में इस गवाह द्वारा दी गई गवाही पर भी इस मामले में विचार किया जाना चाहिए. इस संबंध में सरकारी वकीलों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अदालत ने सुनवाई 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी. सरकारी पक्ष इस मामले में कुल 10 गवाहों की गवाही की जांच करने जा रहा है.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर और उसके पति की जेजे अस्पताल में डॉन अरुण गवली के लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 19 अक्टूबर बुधवार को जेजे अस्पताल में दाऊद इब्राहिम के गुर्गों द्वारा डॉन अरुण गवली के गुर्गों की हत्या के मामले में निचली अदालत 20 साल बाद मुंबई सत्र न्यायालय में दाऊद इब्राहिम के गुर्गों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने जा रही थी. अब इस मामले में 31 अक्टूबर को जवाब दर्ज किया जाएगा.
साल 1992 में, अरुण गवली के बंधक को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह ने मुंबई के जेजे अस्पताल में मार डाला था. आरोपी यासीन मंसूर मोहम्मद फारूक उर्फ फारूक टकला के खिलाफ मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय में होगी. उस पर आरोप लगाया गया है और अदालत ने सरकारी पक्ष को 19 अक्टूबर से गवाह पेश करने की अनुमति दी है.
दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम पारकर को अरुण गवली गिरोह ने मार डाला था. दाऊद गिरोह के शार्पशूटरों ने जवाबी कार्रवाई में 22 सितंबर 1992 को जे जे अस्पताल के वार्ड नंबर 18 में दहशत फैला दी थी. इस मामले में दाऊद के करीबी फारूक टकला को 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उसे दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था. वह फिलहाल आर्थर रोड जेल में बंद है. गोलीबारी के 20 साल बाद उसके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.
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सत्र न्यायाधीश आरजे कटारिया के समक्ष इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. न्यायाधीश ने सरकारी पक्ष को 19 अक्टूबर से गवाहों की गवाही से जिरह करने की अनुमति दी है. इस मामले में कुल 77 गवाह हैं और सरकार द्वारा फारूक टकला के खिलाफ 10 गवाह पेश किए जाने की संभावना है. इस मामले में एडवोकेट करण जैन और एडवोकेट घोंसाल्विस बहस करेंगे. गोलीबारी मामले में अन्य सभी आरोपी पहले ही दोषी ठहराए जा चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा पर मुहर लगा दी है.