चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद पंजाब में बयानबाजी तेज हो गई है. चंडीगढ़ में पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अवसरवादी बताया. उन्होंने कहा कि कैप्टन ने हमेशा अपने परिवार, साथियों और अपने लिए ही सोचा है.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अलग पार्टी के गठन का उपहास उड़ाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर रहने वाले कप्तानों को कहना चाहिए कि जब अरुसा आलम उनके साथ थे तो क्या उस समय देश खतरे में नहीं था. रंधावा ने यहां तक कहा कि 1984 में इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह के ठिकाने और पाकिस्तान के साथ उनके संबंधों को लेकर बीजेपी को जांच करनी चाहिए.
सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि साल 1977 में उनके पिता ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ज्वाइन कराई और इसके बाद 1980 में कैप्टन अमरिंदर सिंह सांसद बने. इसके अलावा तत्कालीन कांग्रेस नेता संजय गांधी भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को तब के मुख्यमंत्री दरबार सिंह को हटाकर मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे.
जिस परिवार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साढ़े 9 साल तक पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया. आज उसी के खिलाफ बोलकर उनकी पीठ में छुरा घुपने का काम कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री रंधावा ने कहा कि आज पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में आतंकवाद का मुद्दा उठा रहे हैं. जबकि साढ़े 4 साल पंजाब का मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार भी ड्रोन, टिफिन बम और नशा रोकने को लेकर गंभीर नहीं दिखे.
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पिछले 4 साल के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार भी दिल्ली जाकर नहीं मिले जबकि मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देने के 1 महीने के दौरान हो वे 3 बार दिल्ली जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि आज पंजाब में BSF का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया गया है. उसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ही जिम्मेदार हैं.