नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी आलाकमान से मिले बिना वापस पंजाब लौट गए हैं. बता दें कि कांग्रेस की पंजाब इकाई (Punjab unit of Congress) में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने राज्य के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबी बातचीत की थी.
सीएम से कई मुद्दों पर समयबद्ध कार्रवाई की मांग
जानकारी के मुताबिक, कैप्टन आज पंजाब लौट गए हैं. पंजाब के सीएम (Chief Minister Of Punjab) ने अपने दोनों दौरे के दौरान एक बार भी पार्टी आलाकमान से मुलाकात नहीं की. पंजाब कांग्रेस में विवाद को लेकर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने ईटीवी भारत से कहा कि हमने सीएम से 18 मुद्दों पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने को कहा है.
पंजाब सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट
रावत ने कहा कि सीएम के साथ जिन मुद्दों पर बात हुई है उनमें बेअदबी (Sacrilege) मामला, बालू माफिया, ड्रग माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया समेत कई अन्य मुद्दे भी शामिल हैं. बेअदबी का मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पंजाब सरकार द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से हम संतुष्ट हैं लेकिन अगले 4-5 दिनों में आप देखेंगे कि सरकार इन मामलों पर सख्त कदम उठा रही है.
नहीं मिले पार्टी आलाकमान से
बता दें कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने अपना जंतर-मंतर जाने का अपना कार्यक्रम भी रद्द कर दिया.
कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबी बातचीत की. ऐसा समझा जाता है कि इसमें कलह दूर करने के फार्मूले पर विचार करने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की तैयारी पर चर्चा हुई.
तीन घंटे चली बैठक
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) मल्लिकार्जुन खड़गे(Mallikarjun Kharge) की अध्यक्षता वाली इस समिति और अमरिंदर के बीच यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली.
100 से अधिक लोगों से ली गई राय
समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी. खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.
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गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. इन दिनों सिद्धू एक बार फिर से मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.