चंडीगढ़ / नई दिल्ली : कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amarinder Singh) ने आज पत्रकारों से बात की. अमरिंदर सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को पूरी तरह दरकिनार करने से कांग्रेस का पतन हो रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक पर अमरिंदर ने कहा कि हमने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की, उन्हें यहां साझा नहीं कर सकता हूं. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं. मैं भाजपा में भी शामिल नहीं हो रहा हूं. सिद्धू पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कैप्टन ने कहा कि सिद्धू पंजाब के लिए सहीं व्यक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के काम में सिद्धू का दखल नहीं होना चाहिए.
पंजाब में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बहुमत परीक्षण से जुड़े एक सवाल पर अमरिंदर ने कहा कि फ्लोर टेस्ट विधानसभा अध्यक्ष को देखना है, अगर ऐसे हालात बन जाते हैं कि कोई पार्टी बहुमत खो देती है तो अध्यक्ष फैसला करता है. ये मेरा काम नहीं है.
बकौल कैप्टन अमरिंदर, मुख्यमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान (पंजाब कांग्रेस) प्रमुख थे, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने जो किया वह पहले कभी नहीं किया गया. मैं पहले भी कह चुका था कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के लिए सही आदमी नहीं हैं, और अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो मैं उन्हें जीतने नहीं दूंगा.
उन्होंने कहा कि अफसर हटाने का काम प्रधान का नहीं है, अफसर को मुख्यमंत्री लगाता, हटाता और बदलता है. मेरे 9.5 साल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में कई प्रधान रहे हैं, हमारी एक-दूसरे से बातचीत होती थी, लेकिन कभी ये हाल नहीं थे जो सिद्धू ने बनाए हैं.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'यह हमला किया गया क्योंकि उन्होंने (सिब्बल ने) वह विचार प्रकट किए जो पार्टी नेतृत्व को खुश करने वाले नहीं थे. यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है.' उन्होंने यह भी कहा, 'पंजाब और भारत में पाकिस्तान से खतरे को जो लोग कमतर बता रहे हैं वे राष्ट्र विरोधी लोगों के हाथों में खेल रहे हैं. पाक समर्थित तत्व रोजाना हमारे जवानों को मार रहे है, वे ड्रोन से हमारे राज्य में हथियार पहुंचा रहे हैं. हम इस खतरे को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं?'
गौरतलब है कि इससे पहले एक चैनल से बातचीत के दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का ग्राफ बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस की लोकप्रियता 20 प्रतिशत घट गई है. डोभाल से मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'सुरक्षा चिंताओं को लेकर मैं उनसे मिला. मैं मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है... पहले जैसे हालात न पैदा हों, एनएसए से मुलाकात का यही मकसद था.'
पंजाब के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की मांग
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर सिंह ने कहा, 'किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया. कुछ तो समाधान निकलना चाहिए. मुझे डर है कि इससे पंजाब में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं, और यह मैं नहीं चाहता.' उनके मुताबिक, 'मैंने गृह मंत्री से कहा है कि किसानों की मांग मानने और फसल विविधिकरण के लिए पंजाब को 25 हजार करोड़ रुपये दिये जाएं.'
शिक्षित व्यक्ति हैं चन्नी
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू पर एक बार फिर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि वह गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और सबको साथ लेकर काम नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ करते हुए सिंह ने कहा, 'वह बेहद शिक्षित व्यक्ति हैं. मेरे साथ मंत्री के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया. यह जरूरी है कि सिद्धू उनको काम करने दें. सिद्धू हावी होना चाहते हैं.'
कांग्रेस आलाकमान को सुननी चाहिए बात
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को 'जी 23' की बात सुननी चाहिए. गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा सहित 23 प्रमुख नेताओं ने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी. इस समूह के एक नेता जितिन प्रसाद अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
इससे पहले उन्होंने आज नई दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की थी. गौरतलब है कि गत 18 सितंबर को अमरिंदर के इस्तीफे के बाद पंजाब की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के बीच भी वार-पलटवार हुआ है.
बुधवार शाम को एक ओर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कांग्रेस में फैसलों को लेकर सवाल खड़े किए, तो दूसरी ओर अजय माकन ने सिब्बल पर पलटवार किया. माकन ने आरोप लगाया कि सिब्बल जैसे नेता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हौसला पस्त कर रहे हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं.
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी सिब्बल पर निशाना साधाते हुए कहा था कि जिस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, उसे नीचा नहीं दिखाना चाहिए. इसके अलावा पंजाब की राजनीति में सिद्धू की भूमिका को लेकर भी बयानबाजी हो रही है.
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कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने सिद्धू को कपिल शर्मा के कॉमेडी शो से जुड़ने की नसीहत दे डाली. पंजाब से निर्वाचित कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी पंजाब कांग्रेस की कलह को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. बता दें कि सिद्धू के साथ टकराव के बाद पिछले दिनों (18 सितंबर को) अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया. सिद्धू ने मंगलवार, 28 सितंबर को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.