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पीएम मोदी को 'न्यू इंडिया का पिता' बताना उनका अपमान : राउत

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने कहा कि यहां मुद्दा यह नहीं है कि राष्ट्रपिता या सरदार कौन है, बल्कि मुद्दा स्वतंत्रता संघर्ष में भाजपा के योगदान का है. राउत ने आरोप लगाया, "भाजपा और आरएसएस की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी, इसलिए उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे कांग्रेस के आदर्श नेताओं को चुराना पड़ा."

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Published : Dec 25, 2022, 3:54 PM IST

मुंबई : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पूछा कि क्या वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस के विचारों से सहमत है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'न्यू इंडिया का पिता' बताया है. राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में दावा किया है कि यह मोदी का 'अपमान' है, क्योंकि नये भारत में भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद की समस्या मुंह बाये खड़ी है. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि भाजपा में कोई भी वीर सावरकर (स्वतंत्रता सेनानी) के राष्ट्रपिता होने की बात नहीं करता. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हमेशा सावरकर का विरोध किया, जिन्होंने कठोर सजा काटी थी. इन लोगों ने भारत को पुराने और नये में बांट दिया है.

बैंकर एवं गायिका अमृता ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था, "हमारे पास दो 'राष्ट्रपिता' हैं. नरेन्द्र मोदी 'न्यू इंडिया के पिता' हैं और महात्मा गांधी पहले के समय के राष्ट्रपिता हैं." महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी के साथ ही विपक्षी कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. राउत ने रविवार को कहा कि क्या भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत से मिली आजादी को स्वीकार नहीं करती है. राउत ने मराठी अखबार में लिखा, "आज नये भारत में भूख, गरीबी, बेरोजगारी, आतंकवाद की समस्या सिर उठाये हुए है. मोदी को नये भारत का पिता बनाना उनका अपमान है." उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि भारत के लोगों ने दी थी.

राउत ने कहा कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे समेत कई राजनीतिक विरोधियों को इस पर आपत्ति थी. उन्होंने कहा कि यहां मुद्दा यह नहीं है कि राष्ट्रपिता या सरदार कौन है, बल्कि मुद्दा स्वतंत्रता संघर्ष में भाजपा के योगदान का है. राउत ने आरोप लगाया, "भाजपा और आरएसएस की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी, इसलिए उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे कांग्रेस के आदर्श नेताओं को चुराना पड़ा."

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पूछा कि क्या वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस के विचारों से सहमत है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'न्यू इंडिया का पिता' बताया है. राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में दावा किया है कि यह मोदी का 'अपमान' है, क्योंकि नये भारत में भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद की समस्या मुंह बाये खड़ी है. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि भाजपा में कोई भी वीर सावरकर (स्वतंत्रता सेनानी) के राष्ट्रपिता होने की बात नहीं करता. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हमेशा सावरकर का विरोध किया, जिन्होंने कठोर सजा काटी थी. इन लोगों ने भारत को पुराने और नये में बांट दिया है.

बैंकर एवं गायिका अमृता ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था, "हमारे पास दो 'राष्ट्रपिता' हैं. नरेन्द्र मोदी 'न्यू इंडिया के पिता' हैं और महात्मा गांधी पहले के समय के राष्ट्रपिता हैं." महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी के साथ ही विपक्षी कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. राउत ने रविवार को कहा कि क्या भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत से मिली आजादी को स्वीकार नहीं करती है. राउत ने मराठी अखबार में लिखा, "आज नये भारत में भूख, गरीबी, बेरोजगारी, आतंकवाद की समस्या सिर उठाये हुए है. मोदी को नये भारत का पिता बनाना उनका अपमान है." उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि भारत के लोगों ने दी थी.

राउत ने कहा कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे समेत कई राजनीतिक विरोधियों को इस पर आपत्ति थी. उन्होंने कहा कि यहां मुद्दा यह नहीं है कि राष्ट्रपिता या सरदार कौन है, बल्कि मुद्दा स्वतंत्रता संघर्ष में भाजपा के योगदान का है. राउत ने आरोप लगाया, "भाजपा और आरएसएस की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी, इसलिए उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे कांग्रेस के आदर्श नेताओं को चुराना पड़ा."

(पीटीआई-भाषा)

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