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कलकत्ता HC का आदेश, बंगाल में और 10 दिन तैनात रहेंगे केंद्रीय बल

पंचायत चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अगले 10 दिनों के लिए केंद्रीय बलों को राज्य में रखने का फैसला किया है. अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्र के इस फैसले पर मुहर लगा दी है.

Calcutta High Court
कलकत्ता हाई कोर्ट
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Published : Jul 24, 2023, 3:05 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 7:16 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. हालात से मजबूर होकर केंद्र सरकार ने अगले 10 दिनों तक केंद्रीय बलों को राज्य में ही रखने का फैसला किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने केंद्र के फैसले पर मुहर लगा दी. राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने कहा कि हिंसा के आरोपियों की पहचान कर ली गई है और यह बात हलफनामे में कही गई है.

ये बदमाश कौन हैं? चीफ जस्टिस के सवाल के जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि मैंने हलफनामे में सब कुछ बता दिया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने शिकायत की कि केंद्रीय बलों के साथ लगातार असहयोग हो रहा है. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि केंद्रीय बल अगले 10 दिनों तक राज्य में रहेंगे. इन्हें चरणबद्ध तरीके से वापस लिया जाएगा.

केंद्रीय बलों के साथ असहयोग के बार-बार लगाए जा रहे आरोपों से नाराज मुख्य न्यायाधीश ने फिर से राज्य को केंद्रीय बलों के साथ हर संभव तरीके से सहयोग करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को वकील प्रियंका टिबरेवाल ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया था और राज्य में केंद्रीय बलों को अगले चार सप्ताह तक बनाए रखने का आदेश देने की गुहार लगाई थी.

लेकिन मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं कर सकता और केंद्र इस पर फैसला लेगा. राज्य के महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि केंद्र ने फोर्स को 10 दिन और रखने का फैसला किया है. कोर्ट को मौका देना चाहिए ताकि राज्य उनके साथ जिम्मेदारियां बांट सकें. अब वे राज्य के सभी जिलों में पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा मुहैया कराने का काम कर रहे हैं.

कहीं से कोई शिकायत नहीं आई. इन सभी जनहित के मामलों को खारिज किया जाना चाहिए. बीजेपी खेमे की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने भी कहा कि कई मामले दायर किए गए हैं, सभी हलफनामे दे रहे हैं. लेकिन मामले का असली मतलब खो जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो लोग बेघर हुए हैं, आम लोगों की सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए और क्या गिनती की गई है.

बीजेपी के वकील गुरुकृष्ण कुमार ने शिकायत की कि केवल 0.1 प्रतिशत बूथों पर दोबारा चुनाव हुआ और वीडियो फुटेज की ठीक से जांच नहीं की गई है. दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ हुई और वे घर नहीं लौट सकतीं. वे सोमवार को हाईकोर्ट में पेश हुईं. मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को उन्हें उनके घरों तक वापस पहुंचाने का निर्देश दिया. वहीं पुलिस को शांति सुनिश्चित करने को कहा गया है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. हालात से मजबूर होकर केंद्र सरकार ने अगले 10 दिनों तक केंद्रीय बलों को राज्य में ही रखने का फैसला किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने केंद्र के फैसले पर मुहर लगा दी. राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने कहा कि हिंसा के आरोपियों की पहचान कर ली गई है और यह बात हलफनामे में कही गई है.

ये बदमाश कौन हैं? चीफ जस्टिस के सवाल के जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि मैंने हलफनामे में सब कुछ बता दिया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने शिकायत की कि केंद्रीय बलों के साथ लगातार असहयोग हो रहा है. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि केंद्रीय बल अगले 10 दिनों तक राज्य में रहेंगे. इन्हें चरणबद्ध तरीके से वापस लिया जाएगा.

केंद्रीय बलों के साथ असहयोग के बार-बार लगाए जा रहे आरोपों से नाराज मुख्य न्यायाधीश ने फिर से राज्य को केंद्रीय बलों के साथ हर संभव तरीके से सहयोग करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को वकील प्रियंका टिबरेवाल ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया था और राज्य में केंद्रीय बलों को अगले चार सप्ताह तक बनाए रखने का आदेश देने की गुहार लगाई थी.

लेकिन मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं कर सकता और केंद्र इस पर फैसला लेगा. राज्य के महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि केंद्र ने फोर्स को 10 दिन और रखने का फैसला किया है. कोर्ट को मौका देना चाहिए ताकि राज्य उनके साथ जिम्मेदारियां बांट सकें. अब वे राज्य के सभी जिलों में पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा मुहैया कराने का काम कर रहे हैं.

कहीं से कोई शिकायत नहीं आई. इन सभी जनहित के मामलों को खारिज किया जाना चाहिए. बीजेपी खेमे की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने भी कहा कि कई मामले दायर किए गए हैं, सभी हलफनामे दे रहे हैं. लेकिन मामले का असली मतलब खो जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो लोग बेघर हुए हैं, आम लोगों की सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए और क्या गिनती की गई है.

बीजेपी के वकील गुरुकृष्ण कुमार ने शिकायत की कि केवल 0.1 प्रतिशत बूथों पर दोबारा चुनाव हुआ और वीडियो फुटेज की ठीक से जांच नहीं की गई है. दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ हुई और वे घर नहीं लौट सकतीं. वे सोमवार को हाईकोर्ट में पेश हुईं. मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को उन्हें उनके घरों तक वापस पहुंचाने का निर्देश दिया. वहीं पुलिस को शांति सुनिश्चित करने को कहा गया है.

Last Updated : Jul 24, 2023, 7:16 PM IST
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