कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को अपराध जांच विभाग (Crime Investigation Department ) के समन के संदर्भ में अंतरिम राहत दी है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राज शेखर मंथा (Justice Raj Sekhar Mantha) ने 18 मार्च, 2021 को कोंटाई पुलिस स्टेशन (Contai Police station) और नंदीग्राम पुलिस स्टेशन (Nandigram Police Station) में दर्ज मामलों के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
कोर्ट ने कहा कि मानिकतल्ला और तामलुक पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों में जांच जारी रह सकती है. हालांकि कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. राज्य, याचिकाकर्ता पर कोई जानकारी प्रदान करेगी.
कोर्ट ने कहा कि राज्य मामले में किसी भी गिरफ्तारी या कार्रवाई से पहले अदालत की अनुमति लेगा. जिन मामलों में उनका नाम एफआईआर में नहीं है, उन्हें जारी रखना जा सकता है. साथ ही शुभेंदु अधिकारी को जांच में सहयोग करना होगा. साथ ही कोई नई FIR दर्ज होती है, तो पहले कोर्ट को जानकारी देनी होगी.
अदालत ने कहा कि चूंकि वह विपक्ष के नेता हैं इसलिए शुभेंदु को उनकी सुविधाजनक स्थान पर बयान देने का मौका दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत कारण बाद में बताया जाएगा.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, जिस प्राथमिकी में शुभेंदु अधिकारी का नाम लिया गया है, उस पर रोक लगाई जाती है.
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party ) के नेता शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने अपने गार्ड सुभब्रत चक्रवर्ती (Subhabrata Chakraborty) की अप्राकृतिक मौत के संबंध में तलब किया था.
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बता दें कि जुलाई में चक्रवर्ती की मौत की जांच के लिए चार सदस्यीय सीआईडी टीम ने पूर्व मेदिनीपुर का दौरा किया था. मामला चक्रवर्ती से जुड़ा है, जिसकी तीन साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
सीआईडी ने 14 जुलाई को पुरबा मेदिनीपुर के कांथी पुलिस थाने से यह मामला लिया था. मामला चक्रवर्ती की पत्नी सुपर्णा कांजीलाल चक्रवर्ती (Suparna Kanjilal Chakraborty) ने दर्ज कराया था.