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कलकत्ता हाईकोर्ट ने गंगा सागर मेले को दी सशर्त मंजूरी

पश्चिम बंगाल सरकार को राहत (Relief to West Bengal Government) देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक गंगा सागर मेले को सशर्त मंजूरी (Conditional approval for Ganga Sagar Mela) दे दी है.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 7, 2022, 3:20 PM IST

कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने गंगा सागर मेले को दी सशर्त मंजूरी (Conditional approval for Ganga Sagar Mela) दे दी है. हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ (Bench of Chief Justice Prakash Srivastava) ने निगरानी करने के लिए एक विशेष समिति के गठन (Constitution of special committee) का आदेश दिया.

समिति यह देखेगी कि क्या यह आयोजन COVID-19 प्रोटोकॉल और सावधानियों के अनुसार आयोजित किया जा रहा है. जैसा कि राज्य सरकार ने अदालत में दायर अपने हलफनामे में उल्लेख किया है.

तीन सदस्यीय समिति (Three member committee) में राज्य के मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता या उनके प्रतिनिधि और पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के एक प्रतिनिधि होंगे. पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वे COVID-19 प्रोटोकॉल के साथ गंगा सागर मेला आयोजित करना चाहते हैं.

राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय (State Advocate General Soumendranath Mukhopadhyay) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया कि डायमंड हार्बर में COVID-19 की स्थिति नियंत्रण में है. मेला मैदान में सुरक्षित घर बनाए गए हैं. सागर द्वीप के अधिकांश लोगों को दोहरी खुराक का टीका लगाया गया है. इसलिए राज्य सरकार गंगा सागर मेला आयोजित करना चाहती है.

यह भी पढ़ें- Corona in Tihar : 14 कैदी और 23 जेल कर्मचारी कोविड-19 संक्रमित

कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को बेंच द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने के बाद राज्य सरकार को राहत मिली, जो आसमान छूते COVID-19 ग्राफ के बीच इस आयोजन को जारी रखने के अपने फैसले के लिए चौतरफा आलोचना झेल रही थी.

कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने गंगा सागर मेले को दी सशर्त मंजूरी (Conditional approval for Ganga Sagar Mela) दे दी है. हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ (Bench of Chief Justice Prakash Srivastava) ने निगरानी करने के लिए एक विशेष समिति के गठन (Constitution of special committee) का आदेश दिया.

समिति यह देखेगी कि क्या यह आयोजन COVID-19 प्रोटोकॉल और सावधानियों के अनुसार आयोजित किया जा रहा है. जैसा कि राज्य सरकार ने अदालत में दायर अपने हलफनामे में उल्लेख किया है.

तीन सदस्यीय समिति (Three member committee) में राज्य के मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता या उनके प्रतिनिधि और पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के एक प्रतिनिधि होंगे. पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वे COVID-19 प्रोटोकॉल के साथ गंगा सागर मेला आयोजित करना चाहते हैं.

राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय (State Advocate General Soumendranath Mukhopadhyay) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया कि डायमंड हार्बर में COVID-19 की स्थिति नियंत्रण में है. मेला मैदान में सुरक्षित घर बनाए गए हैं. सागर द्वीप के अधिकांश लोगों को दोहरी खुराक का टीका लगाया गया है. इसलिए राज्य सरकार गंगा सागर मेला आयोजित करना चाहती है.

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कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को बेंच द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने के बाद राज्य सरकार को राहत मिली, जो आसमान छूते COVID-19 ग्राफ के बीच इस आयोजन को जारी रखने के अपने फैसले के लिए चौतरफा आलोचना झेल रही थी.

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