कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चन्द्र अधिकारी की बेटी की सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में बतौर शिक्षक भर्ती को शुक्रवार को रद्द कर दिया. साथ ही उनसे नौकरी के दौरान प्राप्त सारा वेतन लौटाने को भी कहा गया है. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अंकिता अधिकारी को निर्देश दिया कि वह नवंबर 2018 से अभी तक प्राप्त वेतन की पूरी राशि दो किश्तों में रजिस्ट्रार के पास जमा कराएं.
उच्च न्यायालय एक अभ्यर्थी द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि भर्ती परीक्षा में अधिकारी की बेटी के मुकाबले ज्यादा अंक लाने के बावजूद उसे नौकरी नहीं दी गई. गौरतलब है कि बेटी की गैर-कानूनी तरीके से भर्ती को लेकर आज दिन में पूछताछ के लिए मंत्री सीबीआई के दफ्तर पहुंचे थे.
बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से कथित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूछताछ की. जांच एजेंसी ने अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की है. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल में 11वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में अधिकारी से पूछताछ करने का निर्देश दिया था. हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से परेश अधिकारी को कैबिनेट से हटाने का भी आग्रह किया.
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CBI ने बंगाल के मंत्री अधिकारी, उनकी बेटी के खिलाफ FIR दर्ज की
उधर, सीबीआई ने अदालत के निर्देश की अवमानना करने और समय पर हाजिर नहीं होने के कारण मंत्री अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी के खिलाफ धोखीधड़ी के लिए आईपीसी की धारा 420 और 120 के तहत मामला दर्ज किया है. बता दें कि विधानसभा चुनाव-2016 के पहले फारवर्ड ब्लाक छोड़ तृणमूल में शामिल हुए परेश चंद्र अधिकारी का नाम एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में उछला है. उन पर आरोप है कि तृणमूल में शामिल होने के 72 घंटे के भीतर एसएससी की मेरिट वेटिंग लिस्ट में उनकी बेटी अंकिता अधिकारी का जुड़ गया. अंकिता का नाम शामिल होने से सूची से बाहर हुई एक परीक्षार्थी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.