कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) जीवित हैं या नहीं, इस पर रहस्य अभी भी कायम है. इस मामले पर कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने सोमवार को अगले दो महीनों के भीतर इस रहस्य पर केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.
इस संबंध में केंद्र सरकार को दो महीने के अंदर एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. उक्त आदेश कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव (Calcutta High Court chief justice, Prakash Shrivastava ) की खंडपीठ ने दिया. कोर्ट ने यह आदेश दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया. साथ ही पीठ ने केंद्र सरकार से हलफनामे में इसका उल्लेख करने के लिए कहा है कि भारतीय मुद्राओं पर नेताजी की तस्वीर का प्रयोग किया जाएगा या नहीं.
उक्त जनहित याचिका कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में न्यू टाउन क्षेत्र के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी हरेंद्रनाथ बागची द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. उन्होंने भारतीय मुद्राओं पर नेताजी की तस्वीरों के इस्तेमाल की भी मांग की. इसी जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई.
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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल, वाईजे दस्तूर ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए केंद्र सरकार के लिए समय मांगा. इसके तुरंत बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य अभी लोगों में बरकरार है. एक वर्ग का मानना है कि 18 अगस्त, 1945 को जापान में एक हवाई दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हो गई. वहीं यह भी कहा जाता है कि 1941 में कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित अपने पैतृक निवास से भेष बदलकर भाग निकले थे. इसके बाद उन्होंने देश छोड़ दिया. वहीं उनकी मौत के रहस्य की जांच के लिए कई आयोगों का गठन किया गया था.