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दीपावली, काली पूजा पर केवल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल सुनिश्चित करें: HC

कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने कहा है कि दीपावली, काली पूजा पर केवल ग्रीन पटाखों (green-crackers) का इस्तेमाल सुनिश्चित करें. इससे पहले कोर्ट ने काली पूजा और दिवाली पर किसी भी तरह के पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. हालांकि उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

कलकत्ता हाई कोर्ट
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Published : Nov 3, 2021, 10:26 PM IST

कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बुधवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए कि दिवाली, काली पूजा और अन्य त्योहारों के दौरान केवल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाए.

हाई कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, और केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति थी.

उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य द्वारा 'यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए कि केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग किया जाए और राज्य की ईमानदारी प्रवर्तन तंत्र में दिखाई दे.'

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति केसांग डोमा भूटिया की पीठ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने त्योहारों के दिनों में पटाखों के उपयोग पर समय और प्रतिबंध निर्दिष्ट किए हैं और त्योहारी मौसम के दौरान केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी.

पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य में संबंधित जिलों के गृह सचिव और आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों पर पहले ही तय की जा चुकी है.

इसने कहा कि सभी नागरिकों को इसका पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस्तेमाल किए जाने वाले हरित पटाखों से भी दूसरों को असुविधा न हो.

इस पर राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार पूरे घटनाक्रम से अवगत है और उसके अनुसार दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पटाखे जलाने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय दिया गया है.

सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार करते हुए, पीठ ने कहा कि एक नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय के समक्ष एक व्यापक नई रिट याचिका दाखिल करने की अनुमति दी.

पढ़ें- SC ने पटाखों पर प्रतिबंध के अपने आदेश के उल्लंघन पर जताई नाराजगी

याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि सड़कों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और यह भी अनुरोध किया कि राज्य द्वारा उन क्षेत्रों को नामित किया जाना चाहिए जो त्योहार के दौरान पटाखे जलाने के लिए गैर-आवासीय हैं.

पीठ ने सभी प्रतिवादियों द्वारा चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने के निर्देश दिये. पीठ ने याचिकाकर्ता को और दो सप्ताह के भीतर हलफनामे का जवाब दाखिल करने की अनुमति दी और कहा कि मामले को छह सप्ताह के बाद एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.

कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बुधवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए कि दिवाली, काली पूजा और अन्य त्योहारों के दौरान केवल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाए.

हाई कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, और केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति थी.

उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य द्वारा 'यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए कि केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग किया जाए और राज्य की ईमानदारी प्रवर्तन तंत्र में दिखाई दे.'

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति केसांग डोमा भूटिया की पीठ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने त्योहारों के दिनों में पटाखों के उपयोग पर समय और प्रतिबंध निर्दिष्ट किए हैं और त्योहारी मौसम के दौरान केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी.

पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य में संबंधित जिलों के गृह सचिव और आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों पर पहले ही तय की जा चुकी है.

इसने कहा कि सभी नागरिकों को इसका पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस्तेमाल किए जाने वाले हरित पटाखों से भी दूसरों को असुविधा न हो.

इस पर राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार पूरे घटनाक्रम से अवगत है और उसके अनुसार दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पटाखे जलाने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय दिया गया है.

सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार करते हुए, पीठ ने कहा कि एक नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय के समक्ष एक व्यापक नई रिट याचिका दाखिल करने की अनुमति दी.

पढ़ें- SC ने पटाखों पर प्रतिबंध के अपने आदेश के उल्लंघन पर जताई नाराजगी

याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि सड़कों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और यह भी अनुरोध किया कि राज्य द्वारा उन क्षेत्रों को नामित किया जाना चाहिए जो त्योहार के दौरान पटाखे जलाने के लिए गैर-आवासीय हैं.

पीठ ने सभी प्रतिवादियों द्वारा चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने के निर्देश दिये. पीठ ने याचिकाकर्ता को और दो सप्ताह के भीतर हलफनामे का जवाब दाखिल करने की अनुमति दी और कहा कि मामले को छह सप्ताह के बाद एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.

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