हैदराबाद : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के बीच आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है. महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को नारायण राणे को चिपुलन से गिरफ्तार किया है. नारायण राणे ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी. इसके बाद राणे के खिलाफ महाराष्ट्र के नासिक, पुणे और महाड़ में FIR दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में राणे पर आईपीसी की धारा 153 और 505 लगाई गई है.
आईपीसी की धारा 153 और 153ए के अनुसार, कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता है, जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इसके तहत जुर्माने के साथ ही छह महीने से एक साल की कैद की सजा हो सकती है.
आईपीसी की धारा 505 के तहत आरोपी को तीन साल की सजा, आर्थिक दंड अथवा दोनों की सजा मिल सकती है. यह धारा सैन्य-विद्रोह या सार्वजनिक तौर पर अपराध करने के आशय से असत्य बोलने और अफवाह फैलाने पर लगाई जाती है.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) को हिरासत में लेने की खबर से यह विवाद छिड़ गया है कि क्या किसी राज्य की पुलिस को केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने का अधिकार है. राणे राज्यसभा सांसद भी हैं. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इसे प्रोटोकॉल के खिलाफ एक्शन बताया है.
क्या कहता है कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करने का नियम
यदि संसद का सत्र नहीं चल रहा है, तो एक कैबिनेट मंत्री को उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला होने पर गिरफ्तार किया जा सकता है. राज्य सभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों की धारा 22 ए के अनुसार, पुलिस, न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को मंत्री की गिरफ्तारी के बारे में राज्यसभा के सभापति को सूचित करना होगा. साथ ही गिरफ्तारी के कारण और हिरासत के स्थान के बारे में बताना होगा. सभापति इस बारे में पड़ताल के बाद बुलेटिन में प्रकाशित कराएंगे, ताकि अन्य सदस्यों को इस बारे में जानकारी मिल सके.
राज्यसभा के कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर ( Code of Civil Procedure) के सेक्शन 135 के अनुसार, दीवानी मामलों में संसद सत्र के दौरान गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. दीवानी मामलों में गिरफ्तारी के लिए पुलिस या संबंधित जांच एजेंसी को सदन शुरू होने के 40 दिन पहले और समापन के 40 दिन बाद तक गिरफ्तार करने की अनुमति नहीं है. आपराधिक मामलों यानी क्राइम केस में कैबिनेट मंत्री को यह स्वतंत्रता नहीं मिली है. नारायण राणे के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है.
पढ़ेंः केंद्रीय मंत्री नारायण राणे गिरफ्तार, सीएम ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला