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उत्तराखंड के दयारा बुग्याल में मनाया गया बटर फेस्टिवल, खेली गई मक्खन की होली

उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दिन ग्रामीण महिलाएं और पुरुषों ने मक्खन और मठ्ठे की होली खेली है. जिस वजह से इसे बटर फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बटर फेस्टिवल की बधाई दी है.

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मक्खन की होली
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Published : Aug 17, 2022, 8:01 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 9:47 PM IST

उत्तरकाशी: फाल्गुन माह की होली (Holi in the month of Falgun) के रंगों में तो सभी सराबोर होते हैं, लेकिन उपला टकनौर क्षेत्र में मक्खन और मट्ठा के साथ खेली जाने वाली होली अढूंडी उत्सव (adhundi festival) हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह होली अपनी विशेष पहचान रखती है. आज दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल (Dayara Tourism Festival Committee Raithal) की ओर से दूध, मक्खन व मट्ठे की होली खेली की गई. जिसके साथ ही बटर फेस्टिवल की शुरुआत (Butter festival begins) हो गई.

होल्यारों ने जमकर खेली होली: बटर फेस्टिवल में स्थानीयों के साथ पर्यटकों ने भी मक्खन और मट्ठा की होली का आनंद लिया. यहां राधा और कृष्ण के साथ होल्यारों ने मक्खन एवं मट्ठे की होली खेलते हुए बुग्याल का चक्कर लगाया और मक्खन से भरी मटकी फोड़ी. अढूंडी उत्सव जिसे बटर फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. बटर फेस्टिवल के दौरान स्थानीय महिला और पुरूषों ने ढोल दमाऊ की थाप पर रासौं सहित अन्य लोक नृत्य और लोकगीत की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया.

दयारा बुग्याल में मनाया गया बटर फेस्टिवल.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल आज, फूलों की खुशबू के होगी दूध मक्खन की होली

मक्खन और मट्ठे की होली: बता दें कि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर दूर स्थित दयारा बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा ने बताया कि पहले इस अढूंड़ी उत्सव को गाय के गोबर से भी खेलते थे, लेकिन अब ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठे की होली खेलना शुरू किया है. इस उत्सव में ग्रामीण प्रकृति की पूजा करते हैं और प्रकृति देवता का धन्यवाद करते हैं.

गोबर से खेली जाती थी होली: पहले इस होली को गाय के गोबर से खेला जाता था. बाद में अढूंड़ी उत्सव को पर्यटन से जोड़ने के बाद ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठे की होली (Butter and Whey Holi) खेलना शुरू कर दिया. इस वजह से अढूंड़ी उत्सव को बटर फेस्टिवल के रूप में पहचान मिली है. इस बटर फेस्टिवल में ग्रामीण प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताते हैं.

दयारा बुग्याल: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर की सड़क दूरी और भटवाड़ी ब्लॉक के रैथल गांव से 9 किलोमीटर पैदल दूरी पर दयारा बुग्याल स्थित है. यह दयारा बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. कहते हैं कि सदियों से अढूंड़ी उत्सव मनाया जाता आ रहा है.

सीएम धामी ने दी बधाई: इस बटर फेस्टिवल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को भी पहुंचना था, लेकिन मौसम अनुकूल न होने के कारण मुख्यमंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. उन्होंने वीडियो संदेश के जरिये सभी प्रदेशवासियों को बटर फेस्टिवल की बधाई दी है.

उत्तरकाशी: फाल्गुन माह की होली (Holi in the month of Falgun) के रंगों में तो सभी सराबोर होते हैं, लेकिन उपला टकनौर क्षेत्र में मक्खन और मट्ठा के साथ खेली जाने वाली होली अढूंडी उत्सव (adhundi festival) हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह होली अपनी विशेष पहचान रखती है. आज दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल (Dayara Tourism Festival Committee Raithal) की ओर से दूध, मक्खन व मट्ठे की होली खेली की गई. जिसके साथ ही बटर फेस्टिवल की शुरुआत (Butter festival begins) हो गई.

होल्यारों ने जमकर खेली होली: बटर फेस्टिवल में स्थानीयों के साथ पर्यटकों ने भी मक्खन और मट्ठा की होली का आनंद लिया. यहां राधा और कृष्ण के साथ होल्यारों ने मक्खन एवं मट्ठे की होली खेलते हुए बुग्याल का चक्कर लगाया और मक्खन से भरी मटकी फोड़ी. अढूंडी उत्सव जिसे बटर फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. बटर फेस्टिवल के दौरान स्थानीय महिला और पुरूषों ने ढोल दमाऊ की थाप पर रासौं सहित अन्य लोक नृत्य और लोकगीत की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया.

दयारा बुग्याल में मनाया गया बटर फेस्टिवल.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल आज, फूलों की खुशबू के होगी दूध मक्खन की होली

मक्खन और मट्ठे की होली: बता दें कि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर दूर स्थित दयारा बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा ने बताया कि पहले इस अढूंड़ी उत्सव को गाय के गोबर से भी खेलते थे, लेकिन अब ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठे की होली खेलना शुरू किया है. इस उत्सव में ग्रामीण प्रकृति की पूजा करते हैं और प्रकृति देवता का धन्यवाद करते हैं.

गोबर से खेली जाती थी होली: पहले इस होली को गाय के गोबर से खेला जाता था. बाद में अढूंड़ी उत्सव को पर्यटन से जोड़ने के बाद ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठे की होली (Butter and Whey Holi) खेलना शुरू कर दिया. इस वजह से अढूंड़ी उत्सव को बटर फेस्टिवल के रूप में पहचान मिली है. इस बटर फेस्टिवल में ग्रामीण प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताते हैं.

दयारा बुग्याल: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर की सड़क दूरी और भटवाड़ी ब्लॉक के रैथल गांव से 9 किलोमीटर पैदल दूरी पर दयारा बुग्याल स्थित है. यह दयारा बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. कहते हैं कि सदियों से अढूंड़ी उत्सव मनाया जाता आ रहा है.

सीएम धामी ने दी बधाई: इस बटर फेस्टिवल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को भी पहुंचना था, लेकिन मौसम अनुकूल न होने के कारण मुख्यमंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. उन्होंने वीडियो संदेश के जरिये सभी प्रदेशवासियों को बटर फेस्टिवल की बधाई दी है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 9:47 PM IST
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