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कर्नाटक में चालकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी, बस सेवा प्रभावित

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Published : Dec 11, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 9:48 PM IST

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम बस चालकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे बस सेवाओं पर असर पड़ा है. बस स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा रहा.

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बेंगलुरु : कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) बस चालक और कंडक्टर अपनी मांगों को लेकर कृषि कार्यकर्ता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं. कोडिहल्ली चंद्रशेखर के हड़ताल के आह्वान पर ज्यादातर बस चालक और कंडक्टर डिपो पर काम पर नहीं आए.

कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सरकार ड्राइवर और कंडक्टरों को पेरोल के तहत लाया जाना चाहिए. सरकारी कर्मचारियों के समान विशेषाधिकार/ प्रोत्साहन दिया जाए. साथ ही उनकी प्रमुख मांग ये है कि कोरोना के कारण ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिवार को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.

बस चालकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा

मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से की अपील
केएसआरटीसी और बीएमटीसी के करीब एक लाख लोग साथ हैं. किसान संघ ने परिवहन कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है. राज्य परिवहन निगम कर्मचारियों के बच्चे हाथों में तख्ती लिए दिखाई दिए, जिनपर लिखा था कि उनके पिता को इतना वेतन भी नहीं मिलता कि वह उनकी स्कूल फीस दे सकें. साथ ही मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावदी से आग्रह किया कि उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाए.

डिपो पर रहा सन्नाटा
डिपो पर रहा सन्नाटा

पिछले महीने एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक बच्चा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मांग कर रहा था कि पिता को वेतन दिया जाए ताकि वह दीपावली का त्योहार मना सकें. इसके बाद कर्मचारियों की अक्टूबर का वेतन नवंबर के अखिरी में मिला था.

पढ़ें- किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री गंभीर, कहा- अभी भी बातचीत के लिए तैयार

परिवहन मंत्री सावदी ने की बैठक
परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावदी ने उन महासंघों के साथ आपात बैठक की जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. इस पर कोडिहल्ली ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में वह शामिल हुए जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. बैठक बेनतीजा रही. सावदी ने हड़ताल खत्म करने और बातचीत की अपील की है. हालात को देखते हुए बस सेवा सुचारु होने में समय लग सकता है.

बेंगलुरु : कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) बस चालक और कंडक्टर अपनी मांगों को लेकर कृषि कार्यकर्ता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं. कोडिहल्ली चंद्रशेखर के हड़ताल के आह्वान पर ज्यादातर बस चालक और कंडक्टर डिपो पर काम पर नहीं आए.

कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सरकार ड्राइवर और कंडक्टरों को पेरोल के तहत लाया जाना चाहिए. सरकारी कर्मचारियों के समान विशेषाधिकार/ प्रोत्साहन दिया जाए. साथ ही उनकी प्रमुख मांग ये है कि कोरोना के कारण ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिवार को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.

बस चालकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा

मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से की अपील
केएसआरटीसी और बीएमटीसी के करीब एक लाख लोग साथ हैं. किसान संघ ने परिवहन कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है. राज्य परिवहन निगम कर्मचारियों के बच्चे हाथों में तख्ती लिए दिखाई दिए, जिनपर लिखा था कि उनके पिता को इतना वेतन भी नहीं मिलता कि वह उनकी स्कूल फीस दे सकें. साथ ही मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावदी से आग्रह किया कि उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाए.

डिपो पर रहा सन्नाटा
डिपो पर रहा सन्नाटा

पिछले महीने एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक बच्चा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मांग कर रहा था कि पिता को वेतन दिया जाए ताकि वह दीपावली का त्योहार मना सकें. इसके बाद कर्मचारियों की अक्टूबर का वेतन नवंबर के अखिरी में मिला था.

पढ़ें- किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री गंभीर, कहा- अभी भी बातचीत के लिए तैयार

परिवहन मंत्री सावदी ने की बैठक
परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावदी ने उन महासंघों के साथ आपात बैठक की जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. इस पर कोडिहल्ली ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में वह शामिल हुए जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. बैठक बेनतीजा रही. सावदी ने हड़ताल खत्म करने और बातचीत की अपील की है. हालात को देखते हुए बस सेवा सुचारु होने में समय लग सकता है.

Last Updated : Dec 11, 2020, 9:48 PM IST
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