भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार गुंडों पर एक्शन करते हुए उनके मकानों को तोड़ने की कार्रवाई करती है. जिससे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के मन में डर और भय का माहौल बना रहे. स्कूल में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी बस ड्राइवर हनुमंत के मकान को भी नगर निगम और जिला प्रशासन ने तोड़ दिया. शाहपुरा के अजय नगर स्थित झुग्गी बस्ती में बने इस छोटे से मकान में आरोपी बस ड्राइवर के साथ उसके माता-पिता और पत्नी व दो बेटी रहती थीं. इन बेटियों की उम्र भी 3 और साढ़े चार साल बताई जा रही है.
फिर उठा सवाल-परिवार को क्यों मिले सजा : कसूर आरोपी बस ड्राइवर का था लेकिन उसका मकान तोड़ने के बाद परिवार अब सड़कों पर है. ईटीवी भारत की टीम ने भी आरोपी ड्राइवर के घर का निरीक्षण किया तो पता चला कि मकान टूटने के बाद से ही पूरा परिवार घर छोड़कर चला गया. एक ऑटो में जितना जरूरत का सामान था, वह लेकर परिवार कहां गया है, यह पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी पता नहीं है. ईटीवी भारत में जब आरोपी हनुमंत उर्फ बंटी यादव के घर पहुंच कर उसके परिवार का हाल जानने की कोशिश की, यहां हमें कोई भी नहीं मिला.
बारिश में कहां गया परिवार : भोपाल में सुबह से बारिश होने के चलते उसका परिवार कहां गया, यह किसी को पता नहीं. पड़ोस में रहने वाले सोनू अहिरवार बताते हैं कि आरोपी अपनी दो बच्चियों व पत्नी के साथ यहां रहता था. घर में माता-पिता भी थे. लेकिन जैसे ही मकान टूटा पूरा परिवार देर रात यहां से कहां गया, किसी को पता नहीं. सोनू भी सवाल उठाते हैं कि जब दोष ड्राइवर का था तो उसके परिवार को सजा क्यों मिली. इस बारिश में उसका परिवार कहां गया, यह किसी को पता नहीं है. सोनू प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि अगर आरोपी को सजा देनी है तो दे दो, फांसी पर चढ़ा दो. लेकिन उसके परिवार के रहने के लिए तो व्यवस्था की जाए.
स्कूल प्रबंधन का तर्क : तीन साल की बच्ची से रेप को लेकर स्कूल के प्राचार्य से जब बात करने का प्रयास किया तो वह कैमरे के सामने आने से बचते रहे. लेकिन फोन पर हुई चर्चा में उन्होंने इतना जरूर कहा कि स्कूल के हर ड्राइवर का वेरिफिकेशन होता है. जो भी जांच होगी, उसमें स्कूल सहयोग करेगा. आरोपी के माता -पिता और परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो किसी दूसरे ने फोन उठाया और कहा कि यह इंदौर का नंबर है और बच्ची के मामले में कोई भी बात करना नहीं चाहता.
एबीवीपी का प्रदर्शन : इधर,स्कूल के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया. एबीवीपी के कार्यकर्ता स्कूल प्रबंधन की हठधर्मिता को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. एबीवीपी के आयुष पाराशर का कहना है कि जिस तरह से बच्ची के साथ घटना हुई है. इसके लिए स्कूल प्रबंधन भी दोषी है. इसलिए इस स्कूल की मान्यता रद्द करनी चाहिए.