मोरीगांव (असम): मोरीगांव जिला के मोइराबारी में अवैध रूप से चल रहे जमीउल हुदा नामक निजी मदरसा को जिहादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पुलिस ने बुलडोजर के जरिए गुरुवार सुबह जमींदोज कर दिया. हालांकि पुलिस ने बेदखली के दौरान स्थानीय लोगों को भी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया. मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने बताया कि मुस्तफा का यह मदरसा मोइराबारी इलाके में था. उसे हाल ही में बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और एक्यूआईएस के साथ उसके संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था.
बाद में गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'इस साल मई के बाद से असम में पांच आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है. इनमें से मोरीगांव मॉड्यूल में मुस्तफा सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. इस मॉड्यूल ने सबसे उन्नत संचार तकनीक का इस्तेमाल किया था और इसे सबसे खतरनाक माना जा सकता है.'
उन्होंने कहा कि मदरसे को आपदा प्रबंधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत ध्वस्त कर दिया गया. सरमा ने कहा कि इसे स्थानीय पंचायत या जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं मिली थी और इसे मुस्तफा के पिता की संपत्ति में से उसे मिली जमीन पर बनाया गया था. सरमा ने कहा कि इसके अलावा, मदरसे का बिजली कनेक्शन अवैध पाया गया और इसलिए उपायुक्त ने सभी कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने के बाद विध्वंस का आदेश दिया.
सरमा ने कहा कि मुस्तफा ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से पढ़ाई की और भोपाल से इस्लामिक कानून में डॉक्ट्रेट की उपाधि ली. वह अंसार-उल-इस्लाम के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय माध्यम था और उसके खाते में नियमित रूप से छोटी राशि जमा की जाती थी ताकि कोई संदेह पैदा न हो.
बता दें कि प्रशासन द्वारा जुलाई को मदरसे को बंद कर दिया गया था. वहीं मदरसे से जिहादी गतिविधियों के आरोप मिलने के बाद यह छापा मारा गया. मदरसे पर बांग्लादेशी आतंकवादी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला चुमकाई एबीटी से संबंध रखने का भी आरोप था. इस संबंध में पुलिस ने आरोपियों के पास से कई दस्तावेज बरामद किए हैं. मामले में मदरसे के प्रमुख मुफ्ती मुस्तफा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने मदरसे से जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया था पुलिस ने पास के एक अन्य मदरसे में छापेमारी कर 11 शिक्षकों को गिरफ्तार किया था. मुफ्ती मुस्तफा बांग्लादेश में आतंकवादी संगठनों से पैसे का लेन-देन कर रहा था. इतना ही नहीं मुफ्ती मुस्तफा ने जमीउल हुदा मदरसा में संदिग्ध विदेशी आतंकवादी सदस्यों को शरण भी दी थी.
ये भी पढ़ें - असम में अंसार-उल-इस्लाम के 10 संदिग्ध जिहादी गिरफ्तार, मदरसा सील