रायपुर : राजधानी रायपुर का बूढ़ातालाब काफी पुराना है. इसकी ऐतिहासिक मान्यता है. कहा जाता है कि इस तालाब की खुदाई 1460 में कलचुरी वंश के राजाओं ने करवाई थी. स्वामी विवेकानंद का बाल्यकाल राजधानी रायपुर में बीता है. उस दौरान विवेकानंद जी इस तालाब में स्नान के लिए आया करते थे. इस वजह से इसे विवेकानंद सरोवर भी कहा जाता है. इस विशाल तालाब के चारों कोनों की बात की जाए तो लगभग 75 फीसदी इलाका रायपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में आता है, लेकिन इस तालाब के पानी में किसी तरह का कोई प्रकरण आता है तो उसकी जांच पुरानी बस्ती थाना पुलिस करती (budha talab divides workspace of police stations ) है.
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पुरानी बस्ती थाना में पानी का क्षेत्र : पुलिस विभाग के अफसरों की मानें तो तालाब के पानी में किसी भी तरह का कोई प्रकरण सामने आता है तो उसकी जांच पुरानी बस्ती पुलिस करती है. पानी के बाहर सड़क पर यदि कोई दुर्घटना या मामला सामने आता है तो उन प्रकरणों की जांच कोतवाली पुलिस करती है. यह शुरू से चला आ रहा है. इसका दायरा किसने बनाया है. इसके बारे में पुलिस के अफसरों को भी जानकारी नहीं है. लेकिन खास बात यह है कि दोनों थाना क्षेत्रों की पुलिस के बीच कभी भी सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद नहीं हुआ है. हाल ही में तालाब में एक लाश मिली थी. इलाका कोतवाली थाना क्षेत्र का था, लेकिन पानी में लाश मिलने की वजह से पुरानी बस्ती पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया (workspace of police stations in raipur ) है.
क्या कहते हैं अफसर: कोतवाली थाना प्रभारी उमेंद्र टंडन कहते हैं कि "बूढ़ेश्वर मंदिर के पास से श्याम टॉकिज वाली रोड का हिस्सा कोतवाली थाना क्षेत्र में आता है. इसके साथ ही तालाब के चारों कोनों के ज्यादातर हिस्सा हमारे थाना क्षेत्र में आता है. इसके अलावा पानी का पूरा हिस्सा पुरानी बस्ती थाना के दायरे में आता है. यदि कोई भी घटना पानी के अंदर होती है तो उसकी जांच पुरानी बस्ती थाना पुलिस करती है. यह दायरा काफी पहले से बंटा हुआ है. कब से बंटा है, इसकी जानकारी हमें भी नहीं है."
वहीं पुरानी बस्ती थाना प्रभारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि "यह दायरा किसने निर्धारित किया है. इसकी जानकारी हमें भी नहीं है, लेकिन कोई प्रकरण आता है तो पुरानी बस्ती पुलिस उस मामले की विवेचना करती है."