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Budh Pradosh Vrat : जानिए बुध प्रदोष व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त - Budh Pradosh Vrat

Budh Pradosh Vrat : संतान-सुख और भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है. दिनों के अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व अलग-अलग होता है. इस बार 11 अक्टूबर 2023 को बुध प्रदोष व्रत है. Budh Pradosh Vrat . Pradosh Vrat 11 October .

Budh Pradosh Vrat
बुध प्रदोष व्रत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2023, 10:09 AM IST

Updated : Oct 11, 2023, 2:45 PM IST

प्रदोष व्रत : हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार आते हैं. Pradosh Vrat का महत्व दिनों के अनुसार अलग-अलग होता है.वैसे तो प्रदोष व्रत प्रदोष व्रत 1 साल में 24 बार आते हैं लेकिन जिस वर्ष जिस वर्ष अधिक मास या मलमास होता है तब प्रदोष व्रत की संख्या बढ़ जाती है और साल 2023 में कुल 26 प्रदोष व्रत होंगे. शास्त्रों के अनुसार जब बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होता है तो उसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है.भगवान शिव की प्रसन्नता और संतान-सुख के लिए प्रदोष का व्रत किया जाता है. इस बार 11 अक्टूबर 2023 को Budh Pradosh Vrat है.

भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत, सोमवार व शिवरात्रि सर्वश्रेष्ठ होते हैं. दिनों के अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व अलग-अलग होता है इस बार का Pradosh Vrat बुधवार को पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा. बुधवार का दिन बुध ग्रह व गणेश जी को समर्पित है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह ( Mercury Planet ) का प्रभाव कमजोर है या खराब प्रभाव है तो उसको गणेश जी की पूजा व Budh Pradosh Vrat अवश्य ही करना चाहिए, जिस कारण उसे भगवान बुध देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.चूंकि भगवान शिव चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करते हैं इसलिए किसी भी Pradosh Vrat को करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता है.द्रिकपंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत मुहूर्त- आश्विन कृष्णपक्ष त्रयोदशी 11 अक्टूबर 2023 बुधवार को शाम 5:37 बजे से शुरू होगी. प्रदोष काल शाम 05:58 बजे से 08:23 बजे तक. Budh Pradosh Vrat . Pradosh Vrat . Pradosh Vrat 11 October .

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WEEKLY RASHIFAL : इस सप्ताह इन राशियों को मिलेगी नौकरी-बिजनेस में तरक्की व की लव लाइफ में आएगी खुशियां

ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा

  1. प्रदोष व्रत के दिन गणेश जी को सिन्दूर का चोला चढ़ाने से, रुद्राभिषेक करने से बहुत ही पुण्य की प्राप्ति होती है.
  2. Pradosh Vrat के दिन सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद पूजा घर में दीपक जलाकर व हाथ में अक्षत लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प लें.
  3. उसके बाद किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना,जलाभिषेक अथवा रुद्राभिषेक व आरती करें.
  4. Pradosh Vrat के दिन जहां तक संभव हो लगातार ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें और पूरे दिन निराहार व्रत रहें.
  5. शंकर भगवान का दूध-दही-गंगाजल आदि से अभिषेक करें. Pradosh Vrat के दिन भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, नैवेद्य आदि अर्पित करें.
  6. साथ ही साथ भगवान शिव परिवार और नंदीगण आदि की भी पूजा करें.
  7. Budh Pradosh Vrat की कथा पढ़ें अथवा सुने और फिर उसके बाद आरती करें.

प्रदोष व्रत : हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार आते हैं. Pradosh Vrat का महत्व दिनों के अनुसार अलग-अलग होता है.वैसे तो प्रदोष व्रत प्रदोष व्रत 1 साल में 24 बार आते हैं लेकिन जिस वर्ष जिस वर्ष अधिक मास या मलमास होता है तब प्रदोष व्रत की संख्या बढ़ जाती है और साल 2023 में कुल 26 प्रदोष व्रत होंगे. शास्त्रों के अनुसार जब बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होता है तो उसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है.भगवान शिव की प्रसन्नता और संतान-सुख के लिए प्रदोष का व्रत किया जाता है. इस बार 11 अक्टूबर 2023 को Budh Pradosh Vrat है.

भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत, सोमवार व शिवरात्रि सर्वश्रेष्ठ होते हैं. दिनों के अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व अलग-अलग होता है इस बार का Pradosh Vrat बुधवार को पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा. बुधवार का दिन बुध ग्रह व गणेश जी को समर्पित है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह ( Mercury Planet ) का प्रभाव कमजोर है या खराब प्रभाव है तो उसको गणेश जी की पूजा व Budh Pradosh Vrat अवश्य ही करना चाहिए, जिस कारण उसे भगवान बुध देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.चूंकि भगवान शिव चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करते हैं इसलिए किसी भी Pradosh Vrat को करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता है.द्रिकपंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत मुहूर्त- आश्विन कृष्णपक्ष त्रयोदशी 11 अक्टूबर 2023 बुधवार को शाम 5:37 बजे से शुरू होगी. प्रदोष काल शाम 05:58 बजे से 08:23 बजे तक. Budh Pradosh Vrat . Pradosh Vrat . Pradosh Vrat 11 October .

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ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा

  1. प्रदोष व्रत के दिन गणेश जी को सिन्दूर का चोला चढ़ाने से, रुद्राभिषेक करने से बहुत ही पुण्य की प्राप्ति होती है.
  2. Pradosh Vrat के दिन सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद पूजा घर में दीपक जलाकर व हाथ में अक्षत लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प लें.
  3. उसके बाद किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना,जलाभिषेक अथवा रुद्राभिषेक व आरती करें.
  4. Pradosh Vrat के दिन जहां तक संभव हो लगातार ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें और पूरे दिन निराहार व्रत रहें.
  5. शंकर भगवान का दूध-दही-गंगाजल आदि से अभिषेक करें. Pradosh Vrat के दिन भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, नैवेद्य आदि अर्पित करें.
  6. साथ ही साथ भगवान शिव परिवार और नंदीगण आदि की भी पूजा करें.
  7. Budh Pradosh Vrat की कथा पढ़ें अथवा सुने और फिर उसके बाद आरती करें.
Last Updated : Oct 11, 2023, 2:45 PM IST
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