हैदराबाद : आम बजट 2023-24 वृद्धि को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और इसमें ईंधन की कीमतों जैसी बाहरी आर्थिक चुनौतियों का भी ख्याल रखा गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Niramala Sitharaman) ने गुरुवार को यह बात कही. उन्होंने बजट के संबंध में आयोजित एक सत्र में कहा कि आम आदमी और कमजोर वर्गों पर खासतौर से ध्यान दिया गया है. बजट में कोशिश की गई है कि उनके कारोबार को समर्थन दिया जाए, उनकी शिक्षा को समर्थन दिया जाए और कौशल बढ़ाने के अवसरों के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है.
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Hyderabad: How can you tell that aim of 5 trillion economy is a joke? Every state should contribute towards it. Who are you laughing upon, the people? In 2014, debt of Telangana was Rs 60,000 crores, but in the last 7-8 years it has crossed Rs.3 lakh crores: Union FM Sitharaman pic.twitter.com/VJfQNqTSJF
— ANI (@ANI) February 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) February 16, 2023Hyderabad: How can you tell that aim of 5 trillion economy is a joke? Every state should contribute towards it. Who are you laughing upon, the people? In 2014, debt of Telangana was Rs 60,000 crores, but in the last 7-8 years it has crossed Rs.3 lakh crores: Union FM Sitharaman pic.twitter.com/VJfQNqTSJF
— ANI (@ANI) February 16, 2023
जब सीतारमण से बजट को अंतिम रूप देने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'प्राथमिकता वृद्धि की गति को बरकरार रखना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि वृद्धि को बनाए रखने के लिए और उपाय किए जाएं... साथ ही बाहरी चुनौतियों को भी ध्यान में रखना होगा.' उन्होंने कहा, 'हमें अपनी सीमा के बाहर किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार रहना चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'आर्थिक चुनौतियां आज भी ईंधन और उर्वरक के रूप में सामने हैं. उर्वरक को लेकर यह थोड़ा घट रही है, लेकिन फिर भी यह हमारे लिए बाहरी कारक है. ये प्राथमिक चिंताएं हैं.' सीतारमण ने कहा कि बजट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग सहित समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इससे पहले वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा था कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाया जा सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ साल से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है. उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, 'पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से उपलब्ध है. मेरे पूर्ववर्ती ने इस संदर्भ में विकल्प खुला रखा है.'
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(पीटीआई-भाषा)