लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे की पूर्व सीएम मायावती ने लोकसभा चुनाव से पहले सपा पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी करार देते हुए सपा कार्यकाल में अपने कार्यालय के सामने बनाए गए पुल को लेकर भी निशाना साधा है. कहा कि उन्हें खुद की असुरक्षा की फिक्र सता रही है. प्रदेश सरकार बसपा के मौजूदा कार्यालय को दूसरी जगह व्यवस्थित कराने का इंतजाम करे. बसपा मुखिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर कई पोस्ट भी किए.
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1. सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई।
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">1. सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई।
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समाजवादी पार्टी को बताया दलित विरोधी : हाल ही में इंडिया गठबंधन की बैठक में सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से बीएसपी को शामिल करने पर असहमति जताई गई थी. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती सोमवार को अपने एक्स (पहले ट्वीटर) अकाउंट पर एक के बाद एक पांच पोस्ट किए. इसमें उन्होंने सपा पर सीधा हमला बोला. लिखा कि सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है. बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा फिर अपने दलित विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई. अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं, उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है.
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2. और अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं।
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3. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेटआफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहाँ से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।
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गेस्ट हाउस कांड का भी किया जिक्र : मायावती ने आगे लिखा कि वैसे भी सपा के दो जून 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिए गए हैं, जिसमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से षड्यंत्रकारी अराजकतत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं. इसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा. इस असुरक्षा को देखते हुए पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है. ऐसे में बसपा यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर इसकी व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वर्ना यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. यह भी मांग है कि दलित-विरोधी तत्वों से सरकार सख्ती से निपटे.
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4. साथ ही, इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है।
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5. ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी माँग है।
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जानिए क्या है गेस्ट हाउस कांड : मायावती ने पोस्ट में 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया है. साल 1993 में सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था. इसके बाद मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने. बाद में सपा का बसपा से कुछ चीजों को लेकर विवाद हो गया. इसके बाद बसपा ने अपना समर्थन वापस खींच लिया. इसकी वजह से सीएम की कुर्सी खतरे में आ गई. इस लेकर सपाइयों ने मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में बसपा मुखिया के कमरे पर धावा बोल दिया था. मुश्किल से मायावती को बाहर निकाला गया था. इस घटना के बाद मायावती ने मुलायम पर गंभीर आरोप लगाए थे.
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