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हिमाचल के सियासी रण के लिए बसपा की भी है तैयारी, आज तक जीता है पार्टी का सिर्फ एक विधायक - BSP MLA in Himachal

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हिमाचल में मायावती भी चुनाव प्रचार के लिए आने वाली है. लेकिन क्या बसपा का हाथी पहाड़ पर कुछ कमाल दिखा पाएगा, क्योंकि हिमाचल का सियासी इतिहास कांग्रेस बीजेपी के अलावा किसी भी तीसरे दल के पक्ष में नहीं रहा है. बसपा का भी आजतक सिर्फ एक ही विधायक रहा है.

BSP Vote Bank in Himachal
मायावती (फाइल फोटो).
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Published : Oct 29, 2022, 7:23 PM IST

शिमला : हिमाचल के सियासी रण में भले सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होता हो लेकिन विधानसभा चुनाव की पाठशाला में हाजिरी लगाने के लिए कई दल आते हैं. इन्हीं में से एक है मायावती की बहुजन समाज पार्टी, जो इस बार भी चुनाव में ताल ठोक रही है. इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई पार्टी एक बार फिर हिमाचल का पहाड़ चढ़ने आ रही है. (BSP in Himachal Election) (Mayawati in Himachal) (Himachal Election 2022)

मायावती भरेंगी हुंकार- बसपा सुप्रीमो मायावती हिमाचल में चुनाव प्रचार के लिए आ रही हैं. 6 नवंबर को मायावती सोलन जिले के बद्दी बरोटीवाला में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी. बसपा प्रदेश अध्यक्ष नारायण आजाद के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो मायावती की और जनसभाएं करवाने पर भी विचार हो रहा है. (Bahujan Samaj Party in Himachal) (Mayawati Rally in Himachal)

हिमाचल में बीएसपी की तैयारी- हिमाचल विधानसभा चुनाव में बसपा पहले भी उतर चुकी है. इस बार बहुजन समाज पार्टी ने सभी कुल 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. चुनाव प्रचार के लिए बकायदा बसपा ने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है जो हिमाचल में प्रचार करेंगे. हिमाचल की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होनी है.

अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर नजर- बहुजन समाज पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग को अपना वोट बैंक मानती है और इसी वर्ग के बूते वो उत्तर प्रदेश में सरकार भी बना चुकी है. हिमाचल में भी बसपा की नजर इसी वोट बैंक पर है. 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी कुल आबादी में करीब 25% है. हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. (BSP Vote Bank in Himachal)

हिमाचल में 2007 में खोला खाता- हिमाचल में बसपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2007 विधानसभा चुनाव में रहा जब पार्टी ने 67 सीटों पर चुनाव लड़कर 7.26% वोट हासिल किए और कांगड़ा विधानसभा सीट से संजय चौधरी पार्टी के इकलौते विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. 2017 में संजय चौधरी ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के पवन काजल से चुनाव हार गए.

इसके बाद हिमाचल में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन गिरता रहा है. बसपा ने 2012 में 66 और 2017 में 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन कोई प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सका. पार्टी का वोट शेयर 2012 में 1.7% और 2017 में 0.5% तक गिर गया. (BSP MLA in Himachal) (BSP Record in Himachal Election) (BSP Vote Share in Himachal)

कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला- बहुजन समाज पार्टी ने हिमाचल के रण में कई बार किस्मत आजमाई है लेकिन पार्टी को हिमाचल में कभी भी किसी बड़े चेहरे का साथ नहीं मिला है. बड़े चेहरों के नाम पर कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया साल 2012 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे. वैसे मेजर विजय सिंह मनकोटिया बीते मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जानकार मानते हैं कि बसपा जैसे अन्य क्षेत्रीय दल हिमाचल में चुनाव तो लड़ते हैं लेकिन उनकी जंग जीत से ज्यादा वोट शेयर में सेंधमारी की होती है. हिमाचल में वैसे भी तीसरी पार्टी का विकल्प देने की कोशिश में कई सियासी दल मुंह की खा चुके हैं. इस बार भी पार्टी ने 55 सीटों पर उम्मीदवार तो उतारे हैं लेकिन कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में इस बार पहाड़ पर बसपा का हाथी कितनी चढ़ाई कर पाता है ये आने वाला वक्त बताएगा.

ये भी पढ़ें : हिमाचल में 'आप' को तीसरा विकल्प बनने की आस, लेकिन ऐसा है पहाड़ पर थर्ड फ्रंट का इतिहास

शिमला : हिमाचल के सियासी रण में भले सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होता हो लेकिन विधानसभा चुनाव की पाठशाला में हाजिरी लगाने के लिए कई दल आते हैं. इन्हीं में से एक है मायावती की बहुजन समाज पार्टी, जो इस बार भी चुनाव में ताल ठोक रही है. इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई पार्टी एक बार फिर हिमाचल का पहाड़ चढ़ने आ रही है. (BSP in Himachal Election) (Mayawati in Himachal) (Himachal Election 2022)

मायावती भरेंगी हुंकार- बसपा सुप्रीमो मायावती हिमाचल में चुनाव प्रचार के लिए आ रही हैं. 6 नवंबर को मायावती सोलन जिले के बद्दी बरोटीवाला में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी. बसपा प्रदेश अध्यक्ष नारायण आजाद के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो मायावती की और जनसभाएं करवाने पर भी विचार हो रहा है. (Bahujan Samaj Party in Himachal) (Mayawati Rally in Himachal)

हिमाचल में बीएसपी की तैयारी- हिमाचल विधानसभा चुनाव में बसपा पहले भी उतर चुकी है. इस बार बहुजन समाज पार्टी ने सभी कुल 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. चुनाव प्रचार के लिए बकायदा बसपा ने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है जो हिमाचल में प्रचार करेंगे. हिमाचल की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होनी है.

अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर नजर- बहुजन समाज पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग को अपना वोट बैंक मानती है और इसी वर्ग के बूते वो उत्तर प्रदेश में सरकार भी बना चुकी है. हिमाचल में भी बसपा की नजर इसी वोट बैंक पर है. 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी कुल आबादी में करीब 25% है. हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. (BSP Vote Bank in Himachal)

हिमाचल में 2007 में खोला खाता- हिमाचल में बसपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2007 विधानसभा चुनाव में रहा जब पार्टी ने 67 सीटों पर चुनाव लड़कर 7.26% वोट हासिल किए और कांगड़ा विधानसभा सीट से संजय चौधरी पार्टी के इकलौते विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. 2017 में संजय चौधरी ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के पवन काजल से चुनाव हार गए.

इसके बाद हिमाचल में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन गिरता रहा है. बसपा ने 2012 में 66 और 2017 में 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन कोई प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सका. पार्टी का वोट शेयर 2012 में 1.7% और 2017 में 0.5% तक गिर गया. (BSP MLA in Himachal) (BSP Record in Himachal Election) (BSP Vote Share in Himachal)

कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला- बहुजन समाज पार्टी ने हिमाचल के रण में कई बार किस्मत आजमाई है लेकिन पार्टी को हिमाचल में कभी भी किसी बड़े चेहरे का साथ नहीं मिला है. बड़े चेहरों के नाम पर कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया साल 2012 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे. वैसे मेजर विजय सिंह मनकोटिया बीते मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जानकार मानते हैं कि बसपा जैसे अन्य क्षेत्रीय दल हिमाचल में चुनाव तो लड़ते हैं लेकिन उनकी जंग जीत से ज्यादा वोट शेयर में सेंधमारी की होती है. हिमाचल में वैसे भी तीसरी पार्टी का विकल्प देने की कोशिश में कई सियासी दल मुंह की खा चुके हैं. इस बार भी पार्टी ने 55 सीटों पर उम्मीदवार तो उतारे हैं लेकिन कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में इस बार पहाड़ पर बसपा का हाथी कितनी चढ़ाई कर पाता है ये आने वाला वक्त बताएगा.

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