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जातीय जनगणना पर मायावाती का केंद्र पर निशाना, कहा- BJP की OBC राजनीति का हुआ पर्दाफाश

बसपा सुप्रीमो मायावती ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे का हवाला देकर मायावती ने कहा है कि बीजेपी की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

मायावती
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Published : Sep 24, 2021, 3:30 PM IST

लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे का हवाला देकर मायावती ने कहा कि बीजेपी की OBC राजनीति का पर्दाफ़ाश हुआ है. उन्होंने कहा कि SC व ST की तरह ही OBC वर्ग की भी जातीय जनगणना कराने की मांग पूरे देश में काफी जोर पकड़ चुकी है.

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, केन्द्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इनकार कर देना यह अति-गंभीर व अति-चिंतनीय, जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश व इनकी कथनी व करनी में अंतर को उजागर करता है. सजगता जरूरी है.

बीएसपी सुप्रीमो ने आगे लिखा कि एससी व एसटी की तरह ही ओबीसी वर्ग की भी जातीय जनगणना कराने की मांग पूरे देश में काफी जोर पकड़ चुकी है, लेकिन केंद्र का इससे साफ इनकार पूरे समाज को उसी प्रकार से दुःखी व इनके भविष्य को आघात पहुंचाने वाला है जैसे नौकरियों में इनके बैकलॉग को न भरने से लगातार हो रहा है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना 'प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है. उच्चतम न्यायालय में दायर हलफनामे के मुताबिक सरकार ने कहा है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 में काफी गलतियां एवं अशुद्धियां हैं.

पढ़ें : अगर हिंदू, मुसलमान के पूर्वज एक हैं तो RSS और BJP उन्हें अपना क्यों नहीं समझती : मायावती

महाराष्ट्र की एक याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया गया था. महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर कर केंद्र एवं अन्य संबंधित प्राधिकरणों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की और कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद उसे यह उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. सरकार ने कहा कि एसईसीसी 2011 सर्वेक्षण 'ओबीसी सर्वेक्षण' नहीं है जैसा कि आरोप लगाया जाता है, बल्कि यह देश में सभी घरों में जातीय स्थिति का पता लगाने की व्यापक प्रक्रिया थी.

लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे का हवाला देकर मायावती ने कहा कि बीजेपी की OBC राजनीति का पर्दाफ़ाश हुआ है. उन्होंने कहा कि SC व ST की तरह ही OBC वर्ग की भी जातीय जनगणना कराने की मांग पूरे देश में काफी जोर पकड़ चुकी है.

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, केन्द्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इनकार कर देना यह अति-गंभीर व अति-चिंतनीय, जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश व इनकी कथनी व करनी में अंतर को उजागर करता है. सजगता जरूरी है.

बीएसपी सुप्रीमो ने आगे लिखा कि एससी व एसटी की तरह ही ओबीसी वर्ग की भी जातीय जनगणना कराने की मांग पूरे देश में काफी जोर पकड़ चुकी है, लेकिन केंद्र का इससे साफ इनकार पूरे समाज को उसी प्रकार से दुःखी व इनके भविष्य को आघात पहुंचाने वाला है जैसे नौकरियों में इनके बैकलॉग को न भरने से लगातार हो रहा है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना 'प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है. उच्चतम न्यायालय में दायर हलफनामे के मुताबिक सरकार ने कहा है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 में काफी गलतियां एवं अशुद्धियां हैं.

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महाराष्ट्र की एक याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया गया था. महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर कर केंद्र एवं अन्य संबंधित प्राधिकरणों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की और कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद उसे यह उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. सरकार ने कहा कि एसईसीसी 2011 सर्वेक्षण 'ओबीसी सर्वेक्षण' नहीं है जैसा कि आरोप लगाया जाता है, बल्कि यह देश में सभी घरों में जातीय स्थिति का पता लगाने की व्यापक प्रक्रिया थी.

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