जैसलमेर. राजस्थान में भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर के शाहगढ़ क्षेत्र में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों ने एक शिकारी बाज को पकड़ा है. बुधवार देर शाम को जैसलमेर बीएसएफ के साउथ सेक्टर डाबला की बटालियन के जवानों ने इस बाज को पकड़ा है. बताया जा रहा है कि यह बाज पालतू है और इसके पंजे में रिंग भी लगी हुई है. हालांकि, अभी तक बीएसएफ को किसी भी प्रकार का ट्रांसमीटर आदि नहीं मिला है. बाज की बुधवार देर रात को वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में मौत हो गई.
बीएसएफ ने अपनी जांच-पड़ताल के बाद इस बाज को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया था. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र में पकड़ा गया यह पाकिस्तानी फाल्कन बाज सीमा पार से उड़कर आया है. हालांकि, अब तक की जांच में इस बाज पर किसी भी प्रकार का ट्रांसमीटर एंटीना लगा नहीं पाया गया है. इस बीच संभावना जताई जा रही है कि यह बाज अरब के राजपरिवार के सदस्यों का हो सकता है, जो कि इन दिनों हुबारा बर्ड के शिकार के लिए जैसलमेर से लगती सीमा के सामने पाकिस्तान में आए हुए हैं.
पकड़े गए बाज की हुई मौत: सरहद पर पकड़े गए अरब शेखों के फाल्कन बाज को बीएसएफ ने घायलावस्था में वन विभाग को सुपुर्द किया था, जिसके बाद वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में बाज की मौत हो गई है. वन विभाग के रेंजर कँवराज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ द्वारा बाज को वन विभाग को सुपुर्द करने के बाद कुछ देर में बाज की मौत हो गई. अब वन विभाग की टीम बाज को लेकर राजकीय पशु चिकित्सालय पहुँची है, जहां पोस्टमार्टम के बाद ही बाज की मौत का खुलासा हो पाएगा.
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अरब के शेख पाक में करते हैं शिकार : बता दें कि अरब के राजपरिवार के शहजादे हर साल शिकार करने पाकिस्तान आते हैं. भारत-पाक सीमा के पास वे कई पक्षियों का शिकार करते हैं. अरब के शेख अपने साथ दर्जनों ट्रेंड शिकारी बाज लेकर आते हैं. कभी-कभार ये रास्ता भटक कर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में आ जाते हैं. बताया जाता है कि पाकिस्तानी सरकार इन्हें शिकार के लिए परमिट जारी करती है. इसके बदले में इनसे मोटी धनराशि वसूल करती है और यह उनका ट्रेंड बाज है. फिलहाल, इसे वन विभाग को सुपुर्द किया गया है, जो इस बाज की पूरी तरह से जांच-पड़ताल करेगा.