अगरतला : सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिरीक्षकों और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (Border Guard Bangladesh- BGB) के क्षेत्रीय कमांडरों के बीच पहली बार हुई वर्चुअल बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस शुक्रवार को संपन्न हुई. यह कॉन्फ्रेंस सात जून यानी सोमवार से शुरू हुई थी. कोरोना महामारी के कारण बैठक ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई.
बैठक के बाद चर्चा के संयुक्त रिकॉर्ड (Joint Record of Discussion) दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए. यह बैठक आमतौर पर दो साल में एक बार होती है. बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से संबंधित मुद्दों जैसे- सीमा पार अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी शामिल थे.
बीएसएफ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर पहली बार यह प्रतिष्ठित द्विवार्षिक सम्मेलन टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया. सम्मेलन के दौरान, विभिन्न द्विपक्षीय सीमा मुद्दे जैसे कि सीमा पार अपराध (ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी), बांग्लादेश की ओर से भारत विरोधी समूहों की गतिविधियां, सीमा उल्लंघन और उनके निवारक उपायों, लंबित विकास कार्यों, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा और समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के साथ एकल पंक्ति बाड़ के निर्माण पर विस्तार से चर्चा की गई.
सीमा की रक्षा करने वाले दोनों बलों ने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने और किसी भी मुद्दे के गंभीर होने पर सौहार्दपूर्ण समाधान तलाशने पर सहमति व्यक्त की है. बयान में कहा गया है कि दोनों प्रतिनिधिमंडलों के सैन्य अधिकारियों ने सभी लंबित मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने तथा दोस्ती, विश्वास व सहयोग के बंधन को और मजबूत करके अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति का माहौल बनाने के लिए मानदंड शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.
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बयान के मुताबिक, बीजीबी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख तनवीर गनी चौधरी (अतिरिक्त महानिदेशक, क्षेत्रीय कमांडर) ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने और विचार-विमर्श के माध्यम से एक मूल्यवान योगदान देने के लिए बीएसएफ प्रतिनिधिमंडल का आभार व्यक्त किया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न पहलुओं पर समझौतों के साथ बैठक का सफल समापन हुआ.