भीलवाड़ा. जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र के होड़ा गांव में पुरानी संस्कृति के अनुसार भाई अपनी बहन के (Brothers reached sister house by bullock cart) ससुराल भात यानी (मायरा) भरने बैलगाड़ी से पहुंचे. इनमें सबसे आगे चल रही बैलगाड़ी को क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल चला रहे थे.
होड़ा गांव निवासी भैरूलाल, श्याम लाल, मोहनलाल, महावीर व नारायण लाल गुर्जर ने इस वर्तमान दौर में भी पुरानी परंपरा को निभाया. जहां ये भाई अपनी बहन के ससुराल के सामाजिक समारोह में बैलगाड़ियों में सवार होकर मायरा भरने पहुंचे. करीब एक दर्जन से ज्यादा बैलगाड़ियों में सवार होकर आए सभी लोगों ने राजस्थानी साफा बांधा हुआ था. गांव की गलियों से गुजर रहे बैलगाड़ी को देख कर लोगों की पुरानी यादें ताजा हो गई. मायरे में सबसे आगे डीजे की धुन पर लोग नाच रहे थे. पहली बैलगाड़ी को क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल खुद चला रहे थे.
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भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि जब हम छोटे थे, तब ग्रामीण क्षेत्र में कोई साधन (BJP MLA Gopal Khandelwal drove bullock cart) नहीं था. लोग बैलगाड़ी से ही आते-जाते थे. सामाजिक प्रोग्राम या शादी-विवाह समारोह में भी बैलगाड़ी से बारात जाती थी. आज लोग अपनी शादी व मायरे जैसे सामाजिक कार्यक्रम में महंगी-महंगी गाड़ियां लेकर जाते हैं. लेकिन जितना सुकून पौराणिक समय में था, वह आज के दौर में नहीं है. वर्तमान युग में हमें पौराणिक दौर की ओर वापस लौटना पड़ेगा. इसी को लेकर आज बैलगाड़ी से हमारे पैत्रक गांव में ही भाई अपनी बहन की दर पर मायरा भरने पहुंचे हैं. इसमें मैं भी शरीक हुआ हूं.