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प्यार के लिए तोड़ी मजहब की दीवार, विधवा प्रेमिका के लिए सईद ने अपनाया हिंदू धर्म, सतीश बन लिए फेरे - मुस्लिम युवक ने हिंदू बन विधवा से रचाई शादी

रामपुर में अजब प्रेम की गजब कहानी जैसा मामला सामने आया है. मुस्लिम युवक ने हिंदू विधवा को दिल दे दिया. दोनों एक-दूजे के होना चाहते थे, लेकिन मजहब दीवार बनकर खड़ी हो गई. युवक के बड़े फैसले (Marriage of Muslim youth and Hindu woman) के कारण आखिर दोनों के प्यार की जीत हो गई.

मुस्लिम सईद ने हिंदू धर्म अपनाकर प्रेमिका से की शादी.
मुस्लिम सईद ने हिंदू धर्म अपनाकर प्रेमिका से की शादी.
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Published : Jul 20, 2023, 5:09 PM IST

मुस्लिम सईद ने हिंदू धर्म अपनाकर प्रेमिका से की शादी.

रामपुर : प्यार के लिए एक युवक ने मजहब की दीवार तोड़ दी. सात साल तक चले अफेयर को रिश्ते का नाम देने के लिए मुस्लिम युवक ने हिंदू धर्म अपना लिया. युवक एक हिंदू महिला से प्यार कर बैठा. महिला भी उस पर जान छिड़कती थी. मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण दोनों को काफी समझाया गया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी. इसके बाद सईद अहमद ने सतीश कुमार बनकर प्रेमिका से हिंदू रीति रिवाज से शादी रचाई. युवक ने महिला की मांग में सिंदूर भरा और सात फेरे लेकर जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया.

दोनों ने सभी की मौजूदगी में एक-दूजे का हाथ थाम लिया.
दोनों ने सभी की मौजूदगी में एक-दूजे का हाथ थाम लिया.

सात साल से चल रहा था अफेयर : मामला रामपुर जिले के बिलासपुर के मोहल्ला भट्टी टोला का है. यहां पर वाल्मीकि समाज की महिला शारदी रहती हैं. 12 साल पहले उनके पति अर्जुन सिंह का निधन हो गया था. इसके बाद महिला मोहल्ले की ही सईद अहमद के संपर्क में आ गई. सईद राज मिस्त्री का काम करते हैं. सात साल से दोनों के बीच लव अफेयर चल रहा है. इस बात की जानकारी दोनों के परिवार के लोगों को हुई तो मामला अलग-अलग समुदाय का होने के कारण उन्हें काफी समझाया गया. पंचायत भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद सईद ने बिलासपुर उपजिलाधिकारी अमन देओल को प्रार्थना पत्र दिया.

युवक की ओर से दिया गया हलफनामा.
युवक की ओर से दिया गया हलफनामा.

यह भी पढ़ें : रामपुर में धर्म परिवर्तन, मुस्लिम युवती ने हिंदू युवक से की शादी

सईद ने एसडीएम को दी थी अर्जी : एसडीएम ने बताया कि सईद अहमद ने प्रार्थना पत्र में लिखा था कि वह अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव के मुस्लिम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म हिंदू अपना कर वाल्मीकि समाज की विधवा शारदा से शादी करना चाहता है. इसके बाद सतीश ने हिंदू धर्म अपना लिया. वह सईद अहमद ने सतीश कुमार वाल्मीकि बन गया. इसके बाद अखंड भारत परिषद अखाड़ा के तत्वाधान में गांव धनोरा स्थित मंदिर में शारदा से शादी रचा ली. सतीश ने महिला को मंगलसूत्र पहनाया. उसकी मांग में सिंदूर भरा. इसके बाद सात फेरे लेकर सात वचनों को निभाने का वादा भी किया.

यह भी पढ़ें : चार बच्चों की मां का लव अफेयर, प्रेमी से दूसरा निकाह कर पहले पति को उसी के घर से निकाला

मुस्लिम सईद ने हिंदू धर्म अपनाकर प्रेमिका से की शादी.

रामपुर : प्यार के लिए एक युवक ने मजहब की दीवार तोड़ दी. सात साल तक चले अफेयर को रिश्ते का नाम देने के लिए मुस्लिम युवक ने हिंदू धर्म अपना लिया. युवक एक हिंदू महिला से प्यार कर बैठा. महिला भी उस पर जान छिड़कती थी. मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण दोनों को काफी समझाया गया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी. इसके बाद सईद अहमद ने सतीश कुमार बनकर प्रेमिका से हिंदू रीति रिवाज से शादी रचाई. युवक ने महिला की मांग में सिंदूर भरा और सात फेरे लेकर जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया.

दोनों ने सभी की मौजूदगी में एक-दूजे का हाथ थाम लिया.
दोनों ने सभी की मौजूदगी में एक-दूजे का हाथ थाम लिया.

सात साल से चल रहा था अफेयर : मामला रामपुर जिले के बिलासपुर के मोहल्ला भट्टी टोला का है. यहां पर वाल्मीकि समाज की महिला शारदी रहती हैं. 12 साल पहले उनके पति अर्जुन सिंह का निधन हो गया था. इसके बाद महिला मोहल्ले की ही सईद अहमद के संपर्क में आ गई. सईद राज मिस्त्री का काम करते हैं. सात साल से दोनों के बीच लव अफेयर चल रहा है. इस बात की जानकारी दोनों के परिवार के लोगों को हुई तो मामला अलग-अलग समुदाय का होने के कारण उन्हें काफी समझाया गया. पंचायत भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद सईद ने बिलासपुर उपजिलाधिकारी अमन देओल को प्रार्थना पत्र दिया.

युवक की ओर से दिया गया हलफनामा.
युवक की ओर से दिया गया हलफनामा.

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सईद ने एसडीएम को दी थी अर्जी : एसडीएम ने बताया कि सईद अहमद ने प्रार्थना पत्र में लिखा था कि वह अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव के मुस्लिम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म हिंदू अपना कर वाल्मीकि समाज की विधवा शारदा से शादी करना चाहता है. इसके बाद सतीश ने हिंदू धर्म अपना लिया. वह सईद अहमद ने सतीश कुमार वाल्मीकि बन गया. इसके बाद अखंड भारत परिषद अखाड़ा के तत्वाधान में गांव धनोरा स्थित मंदिर में शारदा से शादी रचा ली. सतीश ने महिला को मंगलसूत्र पहनाया. उसकी मांग में सिंदूर भरा. इसके बाद सात फेरे लेकर सात वचनों को निभाने का वादा भी किया.

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