नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट भट्ठों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश (brick kiln industries in NCR SC directs surprise inspections ) दिया है. कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ही उत्पादन हो. न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने एनसीआर में ईंट भट्ठों के संचालन (Justice KM Joseph Justice Hrishikesh Roy) के लिए कई निर्देश पारित किए. मामले की आगे की सुनवाई के लिए छह मई की तिथि तय की गई है.
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित ईंट भट्ठों को कुछ शर्तों के साथ संचालन (NCR brick kiln industries operation) की अनुमति है, जिनके पास इसके लिए मंजूरी है और जिन्होंने अपनी उत्पादन क्षमता घोषित की है. पीठ ने कहा, 'केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इकाइयों का संचालन कर रहे लोगों को कोई नोटिस और चेतावनी दिए बिना यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर औचक निरीक्षण करना चाहिए कि पूर्वोक्त अधिसूचना के संदर्भ में उत्पादन हो रहा है.'
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को देनी होगी जानकारी : ईंट भट्ठों से उत्पादन के संबंध में शीर्ष अदालत ने कहा, 'उत्पादन इस शर्त पर किया जाएगा कि वह संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार तय उत्पादन क्षमता तक ही सीमित होगा.' शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इकाइयों को चलाने वाले व्यक्ति हर चक्र के अंत में अपनी इकाइयों में किए गए वास्तविक कुल उत्पादन (प्रत्येक चक्र से उत्पन्न) की जानकारी संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देंगे.
आदेश की अवहेलना की जांच पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर : पीठ ने कहा, 'राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उक्त आंकड़ों की तुरंत जानकारी देंगे और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अगली सुनवाई की तारीख पर उत्पादन को दर्शाने वाला एक चार्ट तैयार करेगा, ताकि न्यायालय विश्लेषण कर सके कि क्या अदालत के आदेश की अवहेलना हुई है?' सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उस प्रदूषण पर नजर रखेंगे, जो उन इकाइयों के कारण हो रहा है, जिन्हें संचालन की अनुमति दी गई है. शीर्ष अदालत ने जिगजैग प्रौद्योगिकी, लंबवत शाफ्ट या ईंट भट्ठों में ईंधन के रूप में पाइप से दी जाने वाली प्राकृतिक गैस के उपयोग को अपनाने का आदेश दिया.
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(पीटीआई-भाषा)