कोयंबटूर (तमिलनाडु): तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर (Coimbatore) की एक महिला ने पिछले दस महीनों में 55 लीटर मां का दूध दान कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में नाम दर्ज करा दिया है. प्रोफेसर महेश्वरन करुमथंबट्टी के पास कान्यूर इलाके के रहने वाले हैं और उनके साथ उनकी पत्नी सिंधु मोनिका भी रहती हैं. उनकी शादी को छह साल हो चुके हैं और उनकी एक डेढ़ साल की बेटी वेनबा है.
सिंधु मोनिका का कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया पेजों पर स्तन दूध दान (Breast Milk Donation) के बारे में पता चला. उन्होंने मां का दूध दान करने का फैसला किया. तब सिंधु मोनिका ने तिरुपुर जिले के अविनासी इलाके में स्तन के दूध के भंडारण के लिए काम करने वाली संस्था अमृतम थाई पाल दानम से संपर्क किया. संगठन की रूपा सिंधु मोनिका को सलाह देती हैं कि स्तन के दूध को कैसे स्टोर किया जाए और इसे कैसे सुरक्षित रखा जाए.
तदनुसार सिंधु मोनिका ने पिछले दस महीनों से 55 लीटर स्तन दूध एकत्र किया है और इसे कोयंबटूर के सरकारी अस्पताल को दान कर दिया है. उनके प्रयास को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए नामांकित किया गया था. इस मामले में, उनकी उपलब्धि को एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मान्यता मिली है और प्रमाण पत्र और पदक से सम्मानित किया गया है. इस बारे में बात करते हुए सिंधु मोनिका ने कहा कि 'मां का दूध हर बच्चे के लिए जरूरी होता है. कई बच्चे मां के दूध तक पहुंच की कमी से पीड़ित हैं. सोशल मीडिया पर इस बारे में जानने के बाद मैंने मां का दूध दान करने का फैसला किया.'
उन्होंने कहा कि 'हर मां, जिसके बच्चे हैं, उसको स्तनपान के बारे में जागरूकता की जरूरत है. इसे दान करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए. सरकारी अस्पतालों में बिना मां के दूध के कई बच्चे हैं. इसे रोकने के लिए हर पात्र को मां का दूध दान करने के लिए आगे आना चाहिए. यह सोचना गलत है कि स्तनपान कराने से आप कम खूबसूरत हो जाएंगी. सुंदरता से ज्यादा जरूरी है बच्चे की भलाई.'
इस बारे में सिंधु मोनिका के पति महेश्वरन ने कहा कि 'आमतौर पर महिलाएं इस तरह मां का दूध दान करने के लिए आगे नहीं आती हैं. सभी को पुरुषार्थ करना चाहिए जैसे मेरी पत्नी ने स्तन का दूध दान करने के लिए किया था. इसमें पुरुषों की भूमिका अहम है. हमें मां के दूध के दान को प्रोत्साहित करना चाहिए.' अमृतम ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन की कोऑर्डिनेटर रूपा ने कहा कि 'हम एक स्तन दूध दान प्रणाली चला रहे हैं. हम स्तनपान कराने वाली माताओं से मां का दूध खरीदते हैं और उसे ब्रेस्ट मिल्क बैंक को सौंप देते हैं. कम वजन और कुपोषित बच्चों को मां का दूध दान किया जाता है.'
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पिछले साल 1,143 लीटर मां का दूध दान किया गया था. उनकी संस्था के माध्यम से इस वर्ष अब तक 1,500 लीटर मां का दूध दान किया जा चुका है. पिछली पीढ़ी की तुलना में इस पीढ़ी में बेहतर जागरूकता है. महिलाओं का विचार है कि हमारे बच्चे से बचा हुआ दूध दूसरे बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अभी भी कुछ लोगों में पर्याप्त जागरूकता नहीं है. मां के दूध का दान करने में परिवार के सदस्यों को सहयोग करना चाहिए. मां का दूध एक स्राव है. अपने बच्चे के पीने के बाद बचा हुआ दूध दान करने से उन्हें दूसरे बच्चों को बचाने का मौका मिलेगा.