कोरापुट : ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच सीमा विवाद ने पंचायत चुनाव के दौरान तूल पकड़ लिया है. दरअसल ओडिशा का आरोप है कि पड़ोसी राज्य ने कथित तौर पर कोरापुट जिले के तीन गांवों का नाम बदलकर ग्राम पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की है. विवादित कोटड़ी क्षेत्र में ताला गंजईपदर, पटु सिनेरी और फागुन सिनेरी के नाम बदल दिए हैं. इनके नाम अब गणजाईबदरा, पटुचेंनुरु और पगुलचेंनुरु कर दिए गए हैं.
मतदान के लिए जारी अधिसूचना में तीन गांवों को इसके सलूर ब्लॉक में शामिल किया गया है. चुनाव में कुछ उम्मीदवारों ने पहले ही नामांकन दाखिल कर दिया है, जबकि कोटिया में सीमा विवाद का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. पहली बार यहां पंचायत चुनावों की घोषणा की गई है.
विश्वास जीतने को कल्याणकारी योजनाएं
ओडिशा और आंध्र की सरकारें यहां को लोगों में विश्वास पैदा करने और लुभाने के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाती रहती हैं. ओडिशा सरकार ने एक साल पहले पंचायत के 21 विवादित गांवों के लिए 150 करोड़ रुपये के कोटिया विकास पैकेज की घोषणा की थी. आंध्र प्रदेश सरकार ने तीन गांवों में पंचायत चुनावों की घोषणा की तो ओडिशा सरकार ने परियोजनाओं का उद्घाटन करना शुरू कर दिया.
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोटिया में नौ परियोजनाओं का उद्घाटन किया है. इन परियोजनाओं में एक स्कूल और एक अस्पताल शामिल है. इस बीच जैपोर कांग्रेस के विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से कोटिया पंचायत में 21 गांवों के स्वामित्व पर लंबे समय से चल रहे विवाद पर चर्चा की.
1953 से चल रहा विवाद
1953 में आंध्र प्रदेश के गठन के तुरंत बाद दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद शुरू हो गया था. दोनों राज्यों ने 1968 में गांवों पर संप्रभुता का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 2006 में शीर्ष अदालत ने राय दी कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. इसे केवल संसद ही हल कर सकती है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया.
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ओडिशा सरकार का कहना है कि कोटिया समूह कोरापुट संसदीय क्षेत्र और पोटांगी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं.