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भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े को जमानत दी

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Published : Nov 18, 2022, 11:20 AM IST

Updated : Nov 18, 2022, 12:06 PM IST

एनआईए के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी है.

Bombay High Court grants bail to Anand Teltumbde, an accused in Bhima Koregaon case
बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी आनंद तेलतुंबडे को जमानत दी

मुंबई (महाराष्ट्र) : बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव मामले में आनंद तेलतुंबडे को जमानत दे दी. तेलतुंबडे को यह जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी. एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी. जिसमें एक की मौत हो गई और 10 पुलिसकर्मियों सहित कई घायल हो गए. भीमा-कोरेगांव में झड़पों के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद के दौरान पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे.

पढ़ें: सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 82 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पी वरवरा राव को जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश में भीमा कोरेगांव के एक अन्य आरोपी गौतम नवलखा को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और वृद्धावस्था को देखते हुए एक महीने की अवधि के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी. जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने नवलखा को घर में नजरबंद होने पर उनके सुरक्षा कवर के खर्च के रूप में 2.4 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने नजरबंदी के लिए तलोजा जेल से गौतम नवलखा की रिहाई की अड़चन हटाई

उन्हें पुलिस आयुक्त, नवी मुंबई के नाम से 2.4 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा. पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हम उसकी उम्र को देखते हुए हाउस अरेस्ट देना उचित समझते हैं. नवलखा ने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी कि उन्हें महाराष्ट्र की तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत के बजाय हाउस अरेस्ट में रखा जाए.

(एएनआई)

मुंबई (महाराष्ट्र) : बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव मामले में आनंद तेलतुंबडे को जमानत दे दी. तेलतुंबडे को यह जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी. एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी. जिसमें एक की मौत हो गई और 10 पुलिसकर्मियों सहित कई घायल हो गए. भीमा-कोरेगांव में झड़पों के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद के दौरान पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 82 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पी वरवरा राव को जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश में भीमा कोरेगांव के एक अन्य आरोपी गौतम नवलखा को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और वृद्धावस्था को देखते हुए एक महीने की अवधि के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी. जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने नवलखा को घर में नजरबंद होने पर उनके सुरक्षा कवर के खर्च के रूप में 2.4 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया.

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उन्हें पुलिस आयुक्त, नवी मुंबई के नाम से 2.4 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा. पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हम उसकी उम्र को देखते हुए हाउस अरेस्ट देना उचित समझते हैं. नवलखा ने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी कि उन्हें महाराष्ट्र की तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत के बजाय हाउस अरेस्ट में रखा जाए.

(एएनआई)

Last Updated : Nov 18, 2022, 12:06 PM IST
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