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अनिल देशमुख को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज - Bombay hc rejects Anil Deshmukh petition

बॉम्बे हाईकोर्ट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका खारिज कर दिया है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती दी गई थी.

अनिल देशमुख
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Published : Oct 29, 2021, 3:44 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 6:56 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को खारिज करने का अनुरोध करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.

अदालत ने कहा कि देशमुख इन समन को रद्द करने के पक्ष में मामला बनाने में असफल रहे.

उसने कहा कि पूर्व मंत्री की याचिका इस योग्य नहीं है कि उसके आधार पर निदेशालय या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उनके खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई करने से रोका जाए.बहरहाल, अदालत ने यह कहा कि यदि देशमुख को इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है, तो उनके पास किसी भी अन्य वादी की तरह उचित अदालत के पास जाकर राहत मांगने का अधिकार है.

अदालत ने निदेशालय को निर्देश दिया कि वह देशमुख से पूछताछ के दौरान उनके वकील को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में इतनी दूरी पर मौजूद रहने की अनुमति दे, जहां वह उन्हें देख सके, लेकिन सुन नहीं सके.

यह भी पढ़ें- अनिल देशमुख ने कोर्ट से कहा, ईडी की जांच हत्या व जबरन वसूली के आरोपियों के दावों पर आधारित

सीबीआई ने भ्रष्टाचार और अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर इस साल 21 अगस्त को राकांपा नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद निदेशालय ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ जांच आरंभ की और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया.

सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को खारिज करने का अनुरोध करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.

अदालत ने कहा कि देशमुख इन समन को रद्द करने के पक्ष में मामला बनाने में असफल रहे.

उसने कहा कि पूर्व मंत्री की याचिका इस योग्य नहीं है कि उसके आधार पर निदेशालय या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उनके खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई करने से रोका जाए.बहरहाल, अदालत ने यह कहा कि यदि देशमुख को इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है, तो उनके पास किसी भी अन्य वादी की तरह उचित अदालत के पास जाकर राहत मांगने का अधिकार है.

अदालत ने निदेशालय को निर्देश दिया कि वह देशमुख से पूछताछ के दौरान उनके वकील को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में इतनी दूरी पर मौजूद रहने की अनुमति दे, जहां वह उन्हें देख सके, लेकिन सुन नहीं सके.

यह भी पढ़ें- अनिल देशमुख ने कोर्ट से कहा, ईडी की जांच हत्या व जबरन वसूली के आरोपियों के दावों पर आधारित

सीबीआई ने भ्रष्टाचार और अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर इस साल 21 अगस्त को राकांपा नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद निदेशालय ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ जांच आरंभ की और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया.

सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी.

Last Updated : Oct 29, 2021, 6:56 PM IST

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