मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई की खारघर पुलिस द्वारा पिछले महीने एक वकील को गिरफ्तार करने और उसे हथकड़ी लगाने की घटना की स्वतंत्र जांच का आदेश दिया है. इस मामले में वकील विमल झा और स्थानीय वकीलों के एक संगठन ने अदालत में दो याचिकाएं दाखिल कर, इस तरह की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी.
इन याचिकाओं में कहा गया था कि झा को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया और हथकड़ियों में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया.
न्यायमूर्ति एस जे कत्थावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावडे की अवकाशकालीन पीठ ने 19 मई को आदेश जारी कर ठाणे के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश आर एम जोशी को घटना की जांच की अगुवाई का काम सौंपा.
अदालत का आदेश शुक्रवार को उसकी वेबसाइट पर डाला गया.
झा और संगठन 'लॉयर्स फॉर जस्ट सोसायटी' की याचिकाओं में दावा किया गया कि वकील की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी.
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक खारघर पुलिस ने झा को उनके एक मुवक्किल की शिकायत पर अपहरण तथा जबरन वसूली के आरोपों में गिरफ्तार किया था.
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उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने झा की गिरफ्तारी में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के नियमों तथा उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया.