पणजी : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए एक नई इमारत के निर्माण की गुहार लगाते हुए कहा कि मूल इमारत का निर्माण सात न्यायाधीशों के बैठने के लिए किया गया था, जबकि फिलहाल उसी परिसर में 40 न्यायाधीश काम कर रहे हैं.
बोबडे ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद से गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच के लिए एक नए कोर्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह में यह अनुरोध किया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा, 'बॉम्बे उच्च न्यायालय को भी एक नई इमारत की आवश्यकता है. बॉम्बे भवन का निर्माण सात न्यायाधीशों के लिए किया गया था. इसमें अब 40 से अधिक जज बैठते हैं.'
भारत में कोर्ट रूम के भविष्य के बारे में बोबडे ने कहा कि आने वाले समय में कोर्ट रूम और कोर्ट कॉम्प्लेक्स तकनीकी हस्तक्षेप के कारण छोटे होंगे.
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बोबडे ने अपने भाषण में कहा, 'बुनियादी ढांचे पर विचार-विमर्श काफी हद तक अच्छा रहा है. इसमें अधिक कोर्ट रूम के निर्माण पर बल दिया गया है. हालांकि अधिक कोर्ट रूम का निर्माण आवश्यक और महत्वपूर्ण है, लेकिन मौजूदा कोर्ट रूम के आधुनिकीकरण पर बहुत कम जोर दिया गया. कोविड महामारी के कारण लोगों को न्याय पाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस समस्या ने कोर्ट रूम को आधुनिक बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है.'
उन्होंने यह भी कहा, 'मुझे रविशंकर प्रसाद के मंत्रालय की वजह से भविष्य में छोटे कोर्ट रूम होने का एक रुझान दिखाई दे रहा है. ई-फाइलिंग और डेटा के कारण कई भंडारण कक्षों और कई कमरों की आवश्यकता कम हो जाएगी. इन भंडारण कक्षों और कमरों में आवश्यक दस्तावेज संभाल कर रखे जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत के बुनियादी ढांचे के मुद्दों पर अपना काम किया है. इसने न्यूनतम मानकों के लिए मानदंड और रूपरेखा तैयार की है.'