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छत्तीसगढ़: ओमीक्रोन की दस्तक से लॉकडाउन की आशंका, किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

Black marketing increased in grocery market of Bilaspur: बिलासपुर में लॉकडाउन की आशंका से किराना बाजारों में कालाबाजारी बढ़ती जा रही है. विस्तृत जानकारी के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट....

किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी
किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी
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Published : Jan 8, 2022, 5:33 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कोरोना संक्रमण काफी तेजी से पैर पसार रहा है. इस बीच बिलासपुर से ओमीक्रोन का पहला मामला मिलने से पूरे प्रदेश में दहशत का माहौल है. बिलासपुर में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है. जिसके कारण किराना दुकानों में कालाबाजारी का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया है. सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में प्रति किलो 1 रुपये से 5 रुपये का इजाफा देखा गया है. आम जनता भी जरूरत से ज्यादा सामान की खरीदी कर रहे हैं. जिससे बाजार में कमी की स्थिति पैदा होने लगी है.

बिलासपुर में लॉकडाउन की आशंका

पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के कारण अप्रैल- मई माह में लॉकडाउन था. लॉकडाउन में सबसे अधिक समस्या लोगों को किराना की वस्तुओं और सब्जी की होती थी. लोगों को इसके लिए अधिक कीमत चुकाकर अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ता था. पिछले दो साल के लॉकडाउन में इन सामानों की कीमतों में वृद्धि होती रही है. लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. इस साल भी आम जनधारणा बनने लगी है कि महामारी में फिर लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो सकती है. यही कारण है कि इस बार बाजार में पहले से ही ग्राहकों की भीड़ दिखने लगी है. कीमत में भारी वृद्धि होने और लॉक डाउन होने की आशंका से आम नागरिक जरूरत से ज्यादा की खरीदी कर रहे है. अचानक बाजार में खाद्य सामग्री की मांग में हो रही वृद्धि से व्यापारियों ने भी कालाबाजारी शुरू कर दी है.

किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

यह भी पढ़ेंः First case of Omicron variant in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन वैरिएंट का पहला मामला, बिलासपुर का मरीज निकला ओमीक्रोन पॉजिटिव

बिलासपुर के किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

बाजार में सामानों की बढ़ती कीमतों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बिलासपुर के व्यापार विहार के संभागीय थोक मंडी में कीमतों की पड़ताल की. पड़ताल के दौरान व्यापारियों ने बताया कि वस्तुओं की अधिक मांग से मार्केट में कमी होने लगी है. जो व्यापारी उनसे पचास पेटी की खरीदी करते थे, अब वो अचानक पांच सौ पेटी की मांग करने लगे है. अचानक मांग बढ़ने की वजह से वे अपने ग्राहकों की मांग की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. उत्पादन सीमित, मांग अधिक, यही कारण है कि कुछ सामानों की कीमत में उछाल आया है. जिसके कारण कई खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ने लगी है.

पान मसाला की कीमतों में भी वृद्धि

बिलासपुर में खाद्य सामग्री के साथ-साथ पान-मसाला, गुड़ाखू और सिगरेट में भी कालाबाजारी शुरू हो गई है. बाजार में सबसे पहले कालाबाजारी पान-मसाला, सिगरेट, गुड़ाखू में शुरू हुई है. गुटखा, गुड़ाखू और सिगरेट की कीमत में उछाल आ गया. बाजार में इस समय गुड़ाखू पूरी तरह से गायब कर दिया गया है. इसकी कीमत में 3 गुना बढ़ोतरी कर दी गई है. पिछले लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा कीमत में गुटखा और गुड़ाखू की बिक्री हुई थी. यही कारण है कि बाजार से सबसे पहले इन्हें ही गायब कर दिया गया था. इस मामले में व्यापारी अलग-अलग कारण बता रहे हैं.

आम आदमी करने लगे राशन का स्टॉक

बंदी और कीमत बढ़ने के डर से आम जनमानस ज्यादा सामान खरीद कर स्टोर करना चाह रहे हैं. वह जरूरत से 2 गुना और 3 गुना सामान स्टोर कर रख रहे हैं. ताकि आगामी दिनों में अगर लॉकडाउन लगाया जाता है. तो उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस बीच कालाबाजारियों के लिए ये मौका किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं. वह लगातार कीमतों में वृद्धि कर रहे हैं. आम नागरिकों ने बताया कि पिछले साल खाद्य सामग्रियों की कीमत में उछाल आ गया था. वह इस बार जरूरत की सारी सामग्रियों को पहले से ही स्टोर कर रखना चाहते हैं. ताकि आने वाले समय में यदि लॉकडाउन लगाया गया तो उन्हें अधिक कीमत चुकाने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा.

जिला कलेक्टर का आश्वासन, कालाबाजारियों पर रखेंगे नजर

पूरे मामले में जिला कलेक्टर सारांश मित्तल ने कहा कि वे पहले से इसके लिए तैयार हैं. ऐसी स्थिति आती है तो वे टीम तैयार कर कालाबाजारियों पर नजर रखेंगे. कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को लेकर जहां लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है. तो वहीं खाद्य सामग्री में होने वाली कालाबाजारी को ध्यान में रखते हुए आम जनता काफी घबराई हुई है. इसी घबराहट में खाद्य सामग्री का स्टॉक ये जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं. यही कारण है कि बाजार में अभी से कालाबाजारी की स्थिति निर्मित हो गई है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कोरोना संक्रमण काफी तेजी से पैर पसार रहा है. इस बीच बिलासपुर से ओमीक्रोन का पहला मामला मिलने से पूरे प्रदेश में दहशत का माहौल है. बिलासपुर में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है. जिसके कारण किराना दुकानों में कालाबाजारी का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया है. सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में प्रति किलो 1 रुपये से 5 रुपये का इजाफा देखा गया है. आम जनता भी जरूरत से ज्यादा सामान की खरीदी कर रहे हैं. जिससे बाजार में कमी की स्थिति पैदा होने लगी है.

बिलासपुर में लॉकडाउन की आशंका

पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के कारण अप्रैल- मई माह में लॉकडाउन था. लॉकडाउन में सबसे अधिक समस्या लोगों को किराना की वस्तुओं और सब्जी की होती थी. लोगों को इसके लिए अधिक कीमत चुकाकर अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ता था. पिछले दो साल के लॉकडाउन में इन सामानों की कीमतों में वृद्धि होती रही है. लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. इस साल भी आम जनधारणा बनने लगी है कि महामारी में फिर लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो सकती है. यही कारण है कि इस बार बाजार में पहले से ही ग्राहकों की भीड़ दिखने लगी है. कीमत में भारी वृद्धि होने और लॉक डाउन होने की आशंका से आम नागरिक जरूरत से ज्यादा की खरीदी कर रहे है. अचानक बाजार में खाद्य सामग्री की मांग में हो रही वृद्धि से व्यापारियों ने भी कालाबाजारी शुरू कर दी है.

किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

यह भी पढ़ेंः First case of Omicron variant in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन वैरिएंट का पहला मामला, बिलासपुर का मरीज निकला ओमीक्रोन पॉजिटिव

बिलासपुर के किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

बाजार में सामानों की बढ़ती कीमतों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बिलासपुर के व्यापार विहार के संभागीय थोक मंडी में कीमतों की पड़ताल की. पड़ताल के दौरान व्यापारियों ने बताया कि वस्तुओं की अधिक मांग से मार्केट में कमी होने लगी है. जो व्यापारी उनसे पचास पेटी की खरीदी करते थे, अब वो अचानक पांच सौ पेटी की मांग करने लगे है. अचानक मांग बढ़ने की वजह से वे अपने ग्राहकों की मांग की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. उत्पादन सीमित, मांग अधिक, यही कारण है कि कुछ सामानों की कीमत में उछाल आया है. जिसके कारण कई खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ने लगी है.

पान मसाला की कीमतों में भी वृद्धि

बिलासपुर में खाद्य सामग्री के साथ-साथ पान-मसाला, गुड़ाखू और सिगरेट में भी कालाबाजारी शुरू हो गई है. बाजार में सबसे पहले कालाबाजारी पान-मसाला, सिगरेट, गुड़ाखू में शुरू हुई है. गुटखा, गुड़ाखू और सिगरेट की कीमत में उछाल आ गया. बाजार में इस समय गुड़ाखू पूरी तरह से गायब कर दिया गया है. इसकी कीमत में 3 गुना बढ़ोतरी कर दी गई है. पिछले लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा कीमत में गुटखा और गुड़ाखू की बिक्री हुई थी. यही कारण है कि बाजार से सबसे पहले इन्हें ही गायब कर दिया गया था. इस मामले में व्यापारी अलग-अलग कारण बता रहे हैं.

आम आदमी करने लगे राशन का स्टॉक

बंदी और कीमत बढ़ने के डर से आम जनमानस ज्यादा सामान खरीद कर स्टोर करना चाह रहे हैं. वह जरूरत से 2 गुना और 3 गुना सामान स्टोर कर रख रहे हैं. ताकि आगामी दिनों में अगर लॉकडाउन लगाया जाता है. तो उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस बीच कालाबाजारियों के लिए ये मौका किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं. वह लगातार कीमतों में वृद्धि कर रहे हैं. आम नागरिकों ने बताया कि पिछले साल खाद्य सामग्रियों की कीमत में उछाल आ गया था. वह इस बार जरूरत की सारी सामग्रियों को पहले से ही स्टोर कर रखना चाहते हैं. ताकि आने वाले समय में यदि लॉकडाउन लगाया गया तो उन्हें अधिक कीमत चुकाने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा.

जिला कलेक्टर का आश्वासन, कालाबाजारियों पर रखेंगे नजर

पूरे मामले में जिला कलेक्टर सारांश मित्तल ने कहा कि वे पहले से इसके लिए तैयार हैं. ऐसी स्थिति आती है तो वे टीम तैयार कर कालाबाजारियों पर नजर रखेंगे. कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को लेकर जहां लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है. तो वहीं खाद्य सामग्री में होने वाली कालाबाजारी को ध्यान में रखते हुए आम जनता काफी घबराई हुई है. इसी घबराहट में खाद्य सामग्री का स्टॉक ये जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं. यही कारण है कि बाजार में अभी से कालाबाजारी की स्थिति निर्मित हो गई है.

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