लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रविवार को प्रदेश के 18 महानगरों में प्रबुद्ध सम्मेलनों की शुरुआत करेगी जिसको लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा की खिंचाई की है.
भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलनों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
राजधानी के सहकारिता भवन में बीते दिनों विद्वत समिति के एक सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र पांडेय और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र शामिल हुए और सपा व बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलनों पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वार्थ के लिए ये सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं.
अब नये सिरे से भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश में आयोजित किए जाने वाले प्रबुद्ध सम्मेलन रविवार, पांच सितंबर से शुरू होंगे. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने शनिवार को बताया कि प्रदेश के 18 महानगरों में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है.
योगी वाराणसी में करेंगे संबोधित
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ- वाराणसी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य - कानपुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह- प्रयागराज ,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह-अयोध्या और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल-लखनऊ में कल आयोजित किये जा रहे सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
दीक्षित ने बताया कि छह से 20 सितंबर के बीच प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन पार्टी द्वारा किया जाएगा.
मायावती ने साधा निशाना
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की नकल करके भाजपा खुद अपना सम्मेलन शुरू करने जा रही है. उन्होंने कहा, 'भाजपा के द्वेषपूर्ण और पक्षपाती रवैये से ब्राह्मण समाज बहुत दुखी है और बसपा के साथ तेजी से जुड़ रहा है. उससे भाजपा की ही नहीं बल्कि सपा और कांग्रेस सहित बहुतों की बौखलाहट साफ तौर पर बढ़ी है.'
उन्होंने कहा कि यही मुख्य कारण है कि जब से बसपा के तत्वावधान में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन पूरे राज्य में हो रहे हैं, उसकी सफलता से सभी विरोधी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग के पहले दौर के सम्मेलन का समापन लखनऊ में सात सितंबर को होगा और इसके बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी.
गौरतलब है कि 18 जुलाई को बसपा प्रमुख ने मीडिया से कहा था कि ब्राह्मण भाजपा से बहुत नाराज है और 2022 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण भाजपा को वोट नहीं करेगा. उन्होंने तभी बसपा महासचिव सतीश मिश्रा के नेतृत्व में अयोध्या से बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की श्रृंखला चलाने की घोषणा की थी. बसपा ने 23 जुलाई से अयोध्या से सम्मेलनों की शुरुआत की थी, जबकि 23 अगस्त से सपा ने भी बुद्धिजीवी वर्ग के सम्मेलनों की शुरुआत की है. बसपा, सपा और भाजपा की नजर राज्य के 13 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाताओं पर है और इसे प्रभावित करने के लिए सबने अपनी योजना जाहिर कर दी है.
'इतना लगाव है तो भाजपा ब्राह्मण को सीएम पद का उम्मीदवार बनाए'
कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सम्मेलन आयोजित किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि इन पार्टियों को अगर ब्राह्मणों से इतना ही लगाव है तो वे उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में किसी ब्राह्मण को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएं.
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि ब्राह्मणों को रिझाने के लिए भाजपा जगह-जगह प्रबुद्ध सम्मेलन कर रही है. वहीं, इससे पहले बसपा ने भी जगह-जगह ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन शुरू किया है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, 'अगर भाजपा, बसपा के साथ सपा को भी ब्राह्मणों से इतना ही प्यार है तो वह उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में किसी ब्राह्मण को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर क्यों नहीं पेश करतीं.'
(पीटीआई-भाषा)